राजस्थान आदिवासी संघ की संशोधित कार्यकारिणी गठित

उदयपुर। राजस्थान आदिवासी संघ ने आज अपनी संशोधित कार्यकारिणी की सूची जारी की। जिसमें धुजश्वर कलासुआ को प्रदेश महासचिव बनाया गया।
इसके अलावा गोविन्दलाल अहारी प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं हीरालाल डाबी को संभागीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह जानकारी प्रदेश अध्यक्ष भूपतसिंह भगोरा ने दी।

फिश टनल मेला जारी
उदयपुर, 26 जुलाई। जोधाणा पब्लिसिटी की ओर से शहर के बी एन कॉलेज ग्राउंड में चल रहे सबसे बड़े अंडरवाटर फिश टनल के साथ ही शॉपिंग का महाकुंभ भी लगा है। रिमझिम बरसात में यहां पर मेलार्थियों का उत्साह देखते ही बनता है। यहां पर लगातार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। खासकर महिलाएं एवं बच्चे अंडरवाटर फिश टनल को देख कर खासे रोमांचित हो रहे हैं। जोधाणा पब्लिसिटी के दिनेश गौड़ ने बताया कि आधुनिक एवं फेशनेबल कपड़ों की लगी सेल उनकी पहली पसन्द बनी हुई है। युवतियां तो जैसे उन कपड़ों की स्टॉल्स पर लगी सेल पर आते ही ऐसे खुशी से झूम उठती है जैसे उन्हें अपनी पसन्द के कपड़ों का सारा संसार ही मिल गया हो।
मेले से केवल शहरवासी ही लाभान्वित नहीं हो रहे हैं बल्कि मेले में जिन भी व्यापारियों ने अपनी सेल की स्टॉल्स लगाई है वह भी बहुत ही खुश हैं। उनकी सेल में निरन्तर बढ़ोतरी हो रही है। कई व्यापारियों के अभी तक स्टॉक खत्म होने तक की नौब तआ रही है। उदयपुर में मेले के प्रति रूझान को देखते हुए कई व्यापारी अपने यहां और भी माल मंगवाने का ऑर्डर दे रहे हैं।
गौड़ ने बताया कि मेले में रिमझिम बरसात के बीच खरीददारों की धूम मची हुई है। मेले में जींस स्टाइलों पर सेल लगी है उनकी तो इस मेले ने बल्ले बल्ले कर दी है। हर माल 10 रूपए में हर माल 10 रूपए में ज्यों ही माइक पर आवाज गूंजती है, मेले में आने वाला हर मेलार्थी उसे स्टॉल की तरफ दौड़ पड़ता है जहां पर हर माल 10 रूपए में मिल रहा है। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए तो यहां पर मात्र 10 रूपए में ढेरों सामग्री उपलब्ध है। महिलाओं के श्रृंगार के आइटम जिसमें नेल पॉलिश काजल सहित सैंकड़ों वस्तुएं यहां मात्र 10 में मिलने से खरीदारों का तंाता लगा रहता है।
मेले में विभिन्न सेल पर डिस्काउंट में आइटम बेचने वाले व्यापारियों ने बताया कि उनका मेले में आना सफल हो गया है। हम जितना भी माल लेकर आए हैं उनमें से 10 परसेंट माल हमारे पास बचा है। ऐसा ही कहना है प्लास्टिक के आइटम बेचने वाले व्यापारियों का। उन्होंने भी कहा कि इस मेले जैसा रिस्पांस और जगह पर नहीं मिला है या बहुत ही काम मिल पाता है। अब मेला अपने अंतिम दिनों की और अग्रसर है। उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि वह जब मेला समाप्त कर यहां से जाएंगे तो आए थे जब तो माल से भरा ट्रक लेकर आए थे लेकिन जाएंगे तो पैसों से भरा बेग ही लेकर जाएंगे।

By Udaipurviews

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