उदयपुर, 9 फरवरी। श्री मेवाड़ वागड़ मालवा जनजाति विकास संस्थान के अध्यक्ष पीएल डिंडोर ने कहा कि अंचल में सुदूर क्षेत्र की ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का संस्थान ने बीड़ा उठाया है। तेरह साल से होते आ रहे अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान और सर्वसमाज शिक्षक गौरव सम्मान कार्यक्रम में सम्मानित होने वाली प्रतिभाएं समाज के लिए प्रेरक रोल मॉडल बनते जा रहे हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कार्यक्रम की सफलता का उदाहरण समाज का देखने को मिल रहा है। समाज को जहां डॉक्टर, इंजीनियर और तहसीलदार मिले हैं वहीं निकट भविष्य में इस संस्थान के माध्यम से आरएएस अधिकारी भी मिलेंगे। समारोह में जो प्रोत्साहित होकर जा रहे हैं वे उनके समाज के लिए प्रेरक रोल मॉडल बनते जा रहे हैं। सबसे बड़ा पुरस्कार श्री मानगढ़ धाम गौरव पुरस्कार पाने वाले निलेश चरपोटा ने समाज का नाम रोशन किया।उसने अमेरिका में जाकर इंजीनियरिंग में पीजी कर पीएचडी की और उसी यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य है। उसने समाज का नाम रोशन किया। ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर इतनी बड़ी जगह पर पहुंचना समाज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
सांसद रोत व उनके विधायकों को नहीं संस्थान का निर्णय
बांसवाड़ा से बीएपी सांसद राजकुमार रोत व उनके विधायकों को समारोह में नहीं बुलाए जाने के सवाल पर अध्यक्ष डिंडोर ने कहा कि यह संस्थान का निर्णय होताहै। इसमें कोर कमेटी होती है और सारे निर्णय कोई व्यक्तिगत रूप से नहीं लिए जाते।
राजनीतिक दखलनदाजी नहीं रखने से बढ़ा समाज का विश्वास: मीणा
संस्थान के संस्थापक पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के सांसद-विधायकों का सहयोग लेकर राजनीति से हटकर संस्थान प्रारंभ किया। उसके बाद 2011 में विस्तार करते हुए मेवाड़, मालवा के आठ जिलों को मिलकर अंचल स्तरीय समारोह शुरू किया। समाज के उत्थान के लिए इस संगठन को राजनीति से दूर रखा। किसी भी तरह से राजनीतिक दखलनदाची नहीं रखी जिसकी वजह से समाज और प्रतिभाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़ा। आज प्रतिभाएं बहुत ऊंचें मुकाम पर पहुंच रही है। संस्थान ने प्रयास कर दक्षिण विस्तार में आईआईएसम के पास करीब 20000 वर्गफीट का भूखंड आवंटित कराया। भविष्य में वहां बढ़ा भवन निर्माण कर समाज की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। मीणा ने कहा कि शिक्षक हमारे समाज के निर्माता होते हैं जो इस पौध को तैयार करते हैं। उन सभी समाजों के शिक्षकों को सम्मानित करते हैं जिससे शिक्षक वर्ग में भी संगठन व समाज के प्रति विश्वास रहता है।
विकसित भारत का हिस्सा बनाने प्रतिभाओं को लाना है एक मंच पर: रावत
संस्थान के केंद्रीय संयोजक सांसद मन्नालाल रावत ने कहा कि प्रतिभाएं राष्ट्र की धरोहर है। इस विचार को चरितार्थ करने लिए यह आयोजन शुरू इसमें सभी वरिष्ठों को जोड़ा। जब आगे बढ़ना है और विकसित भार तका हिस्सा बनना है तो सभी प्रतिभाओं को एक मंच पर लाना है। जब सब अच्छे लोग एक मंच पर होते हैं तो अच्छी बातें करते हैं। इससे एक और एक ग्यारह वाला मुहावरा चरितार्थ होता है। यह एक लंबा ट्रेक है। सम्मनित होने वाली जनजाति प्रतिभाओं को आगे लाने वाले सर्वसमाज के शिक्षकों को भी इससे जोड़कर मेवाड़ के सामाजिक समरसता के भाव को भी चरितार्थ कर रहे हैं। आने वाले भविष्य का अच्छा नेतृत्व हो और समस्याओं का समाधान करें। मुखरता से अच्छी बातों को रखें। इस प्रयास से काफी प्रेरणा आगे बढ़ेगी और प्रतिभाएं जुड़ेगी। उन्होंने बताया कि कौशल विकास में आ रही समस्या के निराकरण के लिए रुपरेखा बनाई है। प्रतिभा युएएस पहुंची है तो युवाओं में और अच्छा करने का भाव जागा है। संभाग में बाहर के प्रशासनिक अधिकारियों के सवाल पर रावत ने कहा कि यह बात उठी है। इसे आगे बढाएंगे ताकि इस क्षेत्र में अपने लोगों को भी नेतृत्व मिले।