पंजाब के राज्यपाल श्री कटारिया ने किया रत्नागिरी पहाड़ी में 2.5 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास
उदयपुर, 30 अक्टूबर। दीपावली की पूर्व संध्या पर पर्यटन सिटी उदयपुर को एक और नई सौगात मिली। पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को शहर के भुवाणा स्थित रत्नागिरी पहाड़ी पर उदयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से करवाए जाने वाले 2.5 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। श्री कटारिया ने कहा कि यह स्थान पर्यटन, स्वास्थ्य और अध्यात्म के संगम स्थल के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है और हमें इसे सहेजने की जरूरत है। प्रकृति का श्रृंगार करना हमार प्रमुख दायित्व है। आज उदयपुर में चारों दिशाओं में ऐसे कई क्षेत्रों का विकास हमनें किया है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचकर प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य का लुत्फ उठाते है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि उदयपुर में ऐसे क्षेत्रों का लगातार विकसित होना सबकी मेहनत का परिणाम है। यहां पर्यटक आता है और नई नई यादें साथ लेकर जाता है तभी विश्व पटल पर उदयपुर ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने शहर के चहुंमुखी विकास के लिए श्री कटारिया का आभार जताया और कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की मेहनत व लगन से शहर में कई नवाचार हुए है और पर्यटन के क्षेत्र में हम लगातार आगे बढ़ रहे है।
प्रारंभ में राज्यपाल श्री कटारिया सहित अन्य अतिथियों ने शिलान्यास पट्टिका का अनावरण और भूमि पूजन कर लेकसिटी को यह सौगात दी।
समारोह में समाजसेवी रवींद्र श्रीमाली, संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, यूडीए आयुक्त राहुल जैन, बडगांव प्रधान श्रीमती प्रतिभा नागदा, उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़, जिला परिषद सदस्य श्रीमती पिंकी मांडावत, सरपंच मोहनलाल सहित अन्य प्रबुद्धजन मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र सेन ने किया और अंत में आभार संभागीय आयुक्त केवलरमानी ने जताया।
यह है कार्य योजनाः
राजस्व ग्राम भुवाणा स्थित रत्नागिरी पहाड़ी को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से पहाड़ी के विकास, संवर्धन एवं पौधारोपण किया जाना है। यह पहाडी भुवाणा ग्राम की प्रमुख लोकेशन पर स्थित होकर प्राधिकरण के योजना क्षेत्र चित्रकुट नगर, मीरा नगर व श्याम नगर के निकट स्थित है। पहाड़ी का क्षेत्रफल 20 हेक्टयर है जो कि राजस्व रिकार्ड अनुसार “चरनोट“ दर्ज है। इसके विकास की दृष्टि से पूर्व में प्राधिकरण द्वारा बाउण्ड्रीवाल निर्माण, पार्किंग स्थल, पहुंच मार्ग व पौधारोपण कार्य सम्पादित किये गये है।
वर्तमान में रत्नागिरी पहाड़ी को पर्यटक स्थल विकसित करने के लिये विभिन्न विकास कार्य प्राधिकरण स्तर पर कराये जाने प्रस्तावित है। इनमें प्रथम चरण में पहाड़ी के सर्वाधिक ऊँचाई वाले भाग को “व्यू पोईन्ट“ हेतु विकास एवं “व्यू पोईन्ट“ तक जाने वाले विभिन्न पाथ वे जिसमें 1425 मीटर लम्बाई में स्टोन पीचिंग का पाथ वे पहाड़ी के मुख्य मार्ग से होते हुए वाया माताजी मंदिर से व्यू पोईन्ट तक, एक पाथ वे जिसकी लम्बाई 480 मीटर का भुवाणा ग्राम से व्यू पोईन्ट तक व एक पाथ वे जिसकी लम्बाई 520 मीटर आश्रम की तरफ से व्यू पोईन्ट तक बनाया जाना है। अन्य विकास कार्यों में पार्किंग विकास कार्य, प्लांटेशन को पानी पिलाने हेतु 50000 लीटर के दो टेंक निर्माण, पाईप लाईन बिछाने का कार्य, जन सुविधा विकसित करने का कार्य आदि किये जायेंगे, जिस पर अनुमानित 98.51 लाख रू. का व्यय संभावित है।
द्वितीय चरण में विभिन्न प्रकार के फूलदार पौधे कुल संख्या 17100, फलदार पौधे कुल संख्या 1000 व बड़े छायादार पौधे कुल संख्या 2500 का पौधारोपण कार्य जिस पर अनुमानित 96 लाख रूपये का व्यय संभावित है। तृतीय चरण में पर्यटकों को आकर्षित करने एवं बच्चों के मनोरंजन के लिये एडवेन्चर जोन व खेल जोन विकसित करने का कार्य, जिस पर अनुमानित 52 लाख रू. का व्यय संभावित है। इस प्रकार राशि 2.50 करोड़ रुपये की लागत से रत्नागिरी पहाड़ी को विकसित किया जायेगा।