उदयपुर, 31 दिसम्बर। राष्ट्र सेविका समिति उदयपुर विभाग के प्रारंभिक शिक्षा वर्ग का आज अंतिम दिवस था। आज प्रातः हुए समापन समारोह में शिक्षार्थिओं को प्रान्त तरुणी प्रमुख सुश्री कीर्ति सोलंकी का सानिध्य मिला। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इस सत्र में शिक्षार्थिओं, प्रबंधिकाओं एवं शिक्षिकाओं ने वर्ग के अपने अनुभव साझा किये। इन अनुभव कथन में जो भाव प्रमुखता से व्यक्त हुए उनमें मातृशक्ति के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास, अनुशासन, सामाजिक समरसता में स्त्रियों की भूमिका, सेवा भाव और आत्मरक्षा थे।
वर्ग कार्यवाहिका श्रीमती जसवंत धुपिया ने बताया कि उदयपुर शहर में हिरण मगरी, सेक्टर 4 में स्थित विद्या निकेतन विद्यालय में आयोजित इस शिविर में कुल 282 शिक्षार्थियों ने उदयपुर शहर, सलूंबर, कोटड़ा, झाडोल, मावली, वल्लभ नगर, गोगुंदा, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़, बड़ी सादड़ी, प्रतापगढ़, सेमारी, सेरिया, कविता, नाई आदि स्थानों से भाग लिया। वर्ग को सफल बनाने के लिए 25 शिक्षिकाओं एवं 26 प्रबंधिकाओं ने अपना सहयोग दिया।
मुख्य वक्ता सुश्री कीर्ति सोलंकी ने कहा कि किसी भी कार्य में जब हम अपना सौ प्रतिशत देते हैं तो वह कार्य अवश्य सफल होता है। हर नारी में सामर्थ्य होता है, बस उस क्षमता को क्रियान्वन में लाने की देरी है। आज प्रारंभिक वर्ग करके सबने प्रथम सोपान पार कर लिया है। अब रुकना नहीं है और आगे बढ़ते ही जाना है।
राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं का एक संगठन है जो सन 1936 में वंदनीय मौसीजी (स्व लक्ष्मीबाई केलकर) ने महाराष्ट्र के वर्धा प्रांत में आरंभ किया। आज पूरे विश्व में इस संगठन का विस्तार हो चुका है। समिति के नाम से जाना जाने वाला यह संगठन महिलाओं में मातृत्व, कर्तत्व और नेतृत्व के गुणों को निखारने हेतु प्रयासरत है।