राजसमंद : नवाचार: कैदियों ने तैयार किए सीड बॉल्स, अब राज्यावास में लेंगे वृक्षों का रूप

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिला एवं सेशन न्यायाधीश के आह्वान पर राजसमंद में हुआ शानदार नवाचार
जिला एवं सेशन न्यायाधीश, एडीजे, कलक्टर तथा एसपी ने ग्राम राज्यावास में किया शुभारंभ
पहल के लिए गांव के लोगों ने जताया आभार
राजसमंद। आमजन को त्वरित न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने राजसमंद में अब पर्यावरण की दिशा में भी एक नवाचार किया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल के आह्वान पर जिले में एक ऐसा नवाचार हुआ है जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस नवाचार के तहत जिला कारागृह राजसमंद के कैदियों ने पहले तो भरपूर मेहनत कर सीड बॉल्स तैयार किए और अब रविवार को एक कार्यक्रम के माध्यम से अभियान का शुभारंभ करते हुए इन सीड बॉल्स को राज्यावास ग्राम पंचायत की 100 बीघा भूमि में रोपा गया। ये बीज भविष्य में वृक्ष का रूप लेंगे जो न सिर्फ यहां छाया प्रदान करेंगे बल्कि पर्यावरण संरक्षण का माध्यम भी बनेंगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्याय प्रदान करने के संबंध में तो जन सामान्य को सुविधा प्रदान करता ही है, इस बार विशेष रूप से विधिक सेवा प्राधिकरण का ध्यान पर्यावरण के पक्ष में भी है कि किस तरह से अधिक से अधिक पेड़ लगाए जायें और उनका संरक्षण करें। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का यह विचार था कि इस बार हम 10,000 से अधिक सीड बॉल्स किसी ऐसी जगह लगाएं जहां पर उनका संरक्षण हो सके। इस विषय पर पर बार एसोसिएशन राजसमंद ने बीड़ा उठाया और राज्यावास ग्राम पंचायत के सहयोग से चारागाह की जगह चिन्हित की। ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल के बंदियों से सीड बॉल्स बनवाए जिसमें वन विभाग और पुलिस विभाग का पूरा सहयोग रहा।
एडीजे श्री संतोष अग्रवाल ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है जिसमें सभी संस्थाओं का अपेक्षा अनुरूप पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। जिला कलक्टर डॉ भंवरलाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, बार एसोसिएशन, ग्राम पंचायत आदि का इस कार्य हेतु आभार व्यक्त किया एवं जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचारों से निश्चित रूप से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सुधारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इसी तरह एसपी श्री मनीष त्रिपाठी ने भी इस नवाचार की काफी सराहना की।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) श्री संतोष अग्रवाल एवं जिला न्यायालय प्रबन्धक श्री दीपक शर्मा ने बताया कि सीड बॉल्स रोपण कार्यक्रम का मूल विचार भीलवाड़ा के श्री महेश नवहाल का था जिसे जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राघवेन्द्र काछवाल ने बार एसोसिएशन, राजसमन्द के साथ सांझा करते हुए मूर्त रूप दिया। इस कार्यकम हेतु नगरपरिषद, राजसमन्द से मिट्टी एवं खाद सामग्री जिला कारागृह परिसर में रखवाई गई। वन संरक्षण अधिकारी की मदद से बीज प्राप्त कर कारागार परिसर में भिजवाये गये तथा जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों के सहयोग से जेलर श्री हेमन्त सालवी ने लगभग 10,500 सीड बॉल्स का निर्माण करवाया। इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग का भी बहुत योगदान रहा। इन सीड बॉल्स को ग्राम पंचायत राज्यावास के सरपंच व अन्य अधिकारीगण के सहयोग से चारागाह भूमि में एक साथ रोपित किया जा रहा है, जिसका औपचारिक कार्यक्रम रविवार सुबह 9 बजे रखा गया था। कार्यक्रम में जिला बार एसोसिएशन, राजसमन्द के अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, राजस्थान भारत स्काउट एवं गाइड की सी.ओ. अभिलाषा शर्मा तथा स्मार्ट स्टडी इंटरनेशनल स्कूल की एन.सी.सी. की टीम के सदस्य शामिल हुए। साथ ही पुलिस विभाग से कई कार्मिक सीड बॉल्स रोपण कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राजसमन्द जिला न्यायक्षेत्र के सभी न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित हुए तथा पर्यावरण संरक्षण के कार्य में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान समस्त न्यायिक अधिकारीगण, कलक्टर डॉ भंवर लाल, एसपी श्री मनीष त्रिपाठी, अध्यक्ष बार संघ श्री सुनील पाराशर, अधिवक्ता श्री घनश्याम सिंह भाटी, न्यायालय प्रबंधक श्री दीपक शर्मा, जिला कारागृह प्रभारी श्री हेमंत सालवी, डीसीएफ श्री सुदर्शन शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री हनुमान सिंह राठौड़, पद्म श्री सम्मानित श्री श्यामसुन्दर पालीवाल, जलधारा विकास संस्थान श्री महेश नवहाल, सरपंच ग्राम पंचायत राज्यावास श्रीमती दीपमाला विक्रम सिंह भाटी आदि उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि सीड बॉल्स मिट्टी, खाद, और बीज के मिश्रण से बने छोटे-छोटे गोले होते हैं जो पौधों के अंकुरण और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन्हें तैयार करने के लिए बीजों को पहले मिट्टी और खाद के मिश्रण में लपेटा जाता है, फिर इन्हें छोटे गोले के रूप में आकार दिया जाता है। सीड बॉल्स का उपयोग खासकर उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां परंपरागत रूप से बीज बोना मुश्किल होता है या जहां मिट्टी की उर्वरता कम होती है। इन्हें प्राकृतिक पुनर्वास और हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह पौधों के बीजों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और उचित मौसम में अंकुरण के लिए तैयार रहते हैं।
By Udaipurviews

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