-उद्योगों के विकास और समस्याओं के निवारण को लेकर रहें प्रतिबद्ध :जिला कलक्टर
राजसमंद 13 नवंबर। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में उद्योगों के विकास और इससे संबंधित समस्याओं को दूर करने की दृष्टि से विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र की बैठक ली। कलक्टर ने निर्देश दिए कि अधिकारी और औद्योगिक संगठन आपस में समन्वय रखते हुए समस्याओं का समाधान करें एवं जिले को औद्योगिक दृष्टि से आगे ले जाएं। कलक्टर ने जिले में उद्योगों के विकास एवं समस्याओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कई दिशा-निर्देश दिए। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना अंतर्गत उद्योगों को अधिकाधिक लाभान्वित करने पर भी चर्चा की। उन्होंने बजट घोषणा के अनुसार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रीको औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की प्रगति, डम्पिंग यार्ड प्रबंधन, औद्योगिक प्रयोजनार्थ भू रूपांतरण, रीको के अतिरिक्त अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली व रास्ते की समस्या आदि को लेकर चर्चा करते हुए दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा सियाणा, जेतपुरा, बामनटुकडा आदि अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयों तक पक्की रोड नहीं होने से आवागमन की समस्या, बिजली कटौती संबंधी समस्याओं, औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण, ऐसे ही कुम्भलगढ क्षेत्र में बिजली व सडकों की समस्या, बग्गड औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्ड आवंटन की समस्या आदि को लेकर दिशा-निर्देश दिए।बैठक में जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक भानु प्रताप सिंह राणावत, रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके गुप्ता, राज्य कर उपायुक्त रविंद्र सिंह चुंडावत, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता बी एस शर्मा, खनिज अभियंता (प्रथम) जिनेश हुम्मड, राजसमंद पंचायत समिति के विकास अधिकारी महेश गर्ग, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी, राजसमंद तहसीलदार विजय रैगर आदि उपस्थित रहे। इसके साथ ही मार्बल गैंगसा एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, पूर्व अध्यक्ष रवि शर्मा, ग्राम पंचायत पसूंद सरपंच अयन जोशी सहित अन्य उपस्थित रहे जिन्होंने उद्योगों के विकास को लेकर विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। जिला कलक्टर ने मार्बल गैंगसा एसोसिएशन को शहर के कोई भी दो चौराहे गोद लेने की भी बात कही। जिला प्रशासन उद्योगों के विकास को लेकर दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर रहा है। क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। नए उद्योगों की स्थापना में सहूलियत देने, निवेशकों को प्रोत्साहित करने, और रोजगार के अवसरों का सृजन करने की दिशा में ठोस नीतियाँ अपनाई जा रही हैं। उद्योगों को आवश्यक संसाधनों, आधारभूत ढांचे, और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकें। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है, बल्कि क्षेत्र की समग्र प्रगति और सामाजिक विकास को भी सुदृढ़ बनाना है।