पर्ची सरकार के मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी पर की गई निंदनीय टिप्पणी पर माफी ना मांगने और कांग्रेस विधायकों को बजट सत्र से सस्पेंड करना लोकतंत्र को तार तार करने वाला निर्णय है, जो राजस्थान की जनता कभी सहन नहीं करेगी – फतह सिंह राठौड़
राजस्थान सरकार के मंत्री द्वारा विधानसभा कार्यवाही के दौरान देश की पहली प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी पर बेहद निंदनीय एवं अमर्यादित टिप्पणी करने पर उदयपुर शहर एवं उदयपुर देहात जिला कांग्रेस द्वारा संयुक्त विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन किया गया।
उदयपुर। 22 फरवरी। राजस्थान सरकार के मंत्री द्वारा विधानसभा कार्यवाही के दौरान देश की पहली प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी पर बेहद निंदनीय एवं अमर्यादित टिप्पणी करने पर उदयपुर शहर एवं उदयपुर देहात जिला कांग्रेस द्वारा संयुक्त तत्वाधान में जिलाधीश कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर पर्ची सरकार का पुतला दहन किया गया।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित ने बताया कि राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री “भारत रत्न” इंदिरा गांधी जी पर बेहद निन्दनीय व अमर्यादित टिप्पणी की है। और विधानसभा में कांग्रेस विधायकों द्वारा रोकने पर उन्हें बजट सत्र से निलंबित कर विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार आज दोपहर 1 बजे जिलाधीश कार्यालय के सामने उदयपुर शहर जिला कांग्रेस एवं उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन कर पर्ची सरकार का पुतला दहन किया।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इंदिरा गांधी जी का देश के विकास में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। उनका सम्मान करना करने की बजाय जिम्मेदारी वाले पद पर आसीन राजस्थान की “पर्ची सरकार ” में मंत्री श्री अविनाश गहलोत द्वारा गलत व घृणित बयानबाजी की गई है। उनको अपने इन कुण्ठित शब्दों के लिये अविलम्ब माफी मांगनी चाहिए। ऐसा लगता है कि पूरी सरकार ही तमाशा बन गई है। “पर्ची सरकार” के पास एक साल का कोई काम गिनाने के लिए नहीं था इसलिए अभिभाषण पर इनकी असफलताएं उजागर करने वाला नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दिया। अब हमारे प्रदेशाध्यक्ष सहित दलित, पिछड़े, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले विधायकों को बजट सत्र से सस्पेंड कर दिया गया। यह बजट पर चर्चा से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने अपने वक्तव्य में कहा कि पहले भाजपा सरकार के एक मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी तथा इस पर माफी ना मांगने पर विरोध करने वाले कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित करना, यह दिखाता है कि राजस्थान विधानसभा में भी लोकसभा तथा राज्यसभा जैसा तरीका अपनाया जा रहा है। जैसे वहां अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सांसदों को सस्पेंड किया जाता है वैसे ही यहां किया गया है। आखिर प्रश्नकाल में मंत्री को अपने जवाब के अलावा ऐसी टिप्पणी करने की क्या आवश्यकता थी? देश के लिए जान देने वाली नेता पर ऐसी ओछी मानसिकता से की गईं टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पर्ची सरकार के मंत्री ने जिस तरह से देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को लेकर जो टिप्पणी की है उसके लिए उन्हें सदन में माफ़ी माँगनी पड़ेगी। सरकार के मंत्रियों द्वारा आये दिन गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य सदन में दिये जा रहे है वो सरकार की सोच को दर्शाता है आख़िर सत्ता पक्ष प्रदेश को किस दिशा में ले जाना चाहता है? पर्ची सरकार का यह निर्णय लोकतंत्र और संविधान को तार-तार करने वाला निर्णय है। विरोध प्रदर्शन के बाद पर्ची सरकार का पुतला दहन किया गया।
विरोध प्रदर्शन में उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, पीसीसी उपाध्यक्ष सुरेश श्रीमाली, पीसीसी महासचिव पंकज शर्मा, पूर्व मंत्री असरार अहमद खान, विवेक कटारा, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस संगठन महामंत्री गजेंद्र कोठारी, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष दलपत सिंह चुंडावत, मोहम्मद अय्यूब, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित, ब्लॉक अध्यक्ष सोमेश्वर मीणा, अजय सिंह, राम सिंह चदाणा, निवर्तमान पार्षद प्रशांत श्रीमाली, गौरव प्रताप सिंह, मंडल अध्यक्ष ऋतुराज मिश्रा, शिक्षक नेता देवकिशन रामानुज, पूर्व पार्षद रियाज हुसैन, उदयपुर शहर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह केलावत, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस महासचिव जय प्रकाश निमावत, युवा कांग्रेस के रोहित पालीवाल, जिला परिषद सदस्य कामिनी गुर्जर, तीतरड़ी उपसरपंच मनोहर सिंह सिसोदिया, मंडल अध्यक्ष मुस्तफा शेख, फारुख कुरैशी, पूर्व पार्षद मदन सिंह बाबरवाल, संजय मंदवानी, सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी एवम कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।