राजस्थान आबकारी एवं मद्यसंयम नीति 2025-29

उदयपुर, 12 फरवरी। राजस्थान आबकारी एवं मद्यसंयम नीति वर्ष 2025-29 के तहत आबकारी आयुक्त श्री शिवप्रसाद नकाते के कुशल निर्देशन में अनुज्ञाधारियों के विश्वास और उत्साह को बनाए रखते हुए मदिरा दुकानों का बंदोबस्त पारदर्शिता, सुगमता और सरलीकरण के साथ करते हुए अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की गई है। प्रदेश में वर्षों बाद फरवरी माह के द्वितीय सप्ताह में ही मदिरा दुकानों के नवीनीकरण का 85 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।

अभूतपूर्व सफलता – 6500 दुकानों का नवीनीकरण
आबकारी आयुक्त के अनुसार, राजस्थान आबकारी एवं मद्यसंयम नीति वर्ष 2025-29 के तहत पुरानी मदिरा दुकानों के नवीनीकरण की प्रक्रिया में प्रदेश में 7665 मदिरा दुकानों में से 6500 दुकानों का नवीनीकरण किया जा चुका है, जिससे 85 प्रतिशत लक्ष्य बुधवार शाम 7 बजे तक प्राप्त कर लिया गया है। यह आंकड़ा रात 12 बजे तक 90 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। इसी क्रम में फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में ही दुकानों के बंदोबस्त में अभूतपूर्व सफलता मिली है, जो कि पिछले कई वर्षों में सर्वाधिक है। मदिरा दुकानों के सफलतापूर्वक बंदोबस्त से राजस्व लक्ष्यों की वांछित पूर्ति हो सकेगी, साथ ही अनुज्ञाधारियों, निर्माता और आपूर्तिकर्ताओं को भी लाभ होगा।

शेष बंदोबस्त भी इसी माह
अतिरिक्त आबकारी आयुक्त श्री प्रदीप सिंह सांगावत ने बताया कि आबकारी आयुक्त के निर्देशानुसार राजस्थान आबकारी एवं मद्यसंयम नीति वर्ष 2025-29 के तहत नवीनीकरण से शेष रही मदिरा दुकानों का बंदोबस्त अथवा सेटलमेंट भी फरवरी माह में नियमानुसार कर लिया जाएगा। उन्होंने अनुज्ञाधारियों को निर्धारित समय में मदिरा दुकानों के नवीनीकरण के लिए बधाई देते हुए आबकारी नीति के अनुरूप दुकानों के संचालन की बात की। आबकारी आयुक्त ने प्रदेश के सभी जोन के अतिरिक्त आबकारी आयुक्तों और जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आबकारी नीति की पालना के साथ समस्त अनुज्ञाधारियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य करें।

सेटलमेंट में ये जिले रहे अव्वल
प्रदेश में आबकारी नीति के तहत पुरानी मदिरा दुकानों के नवीनीकरण में क्रमशः जालौर, बांसवाड़ा, टोंक, राजसमंद, बहरोड़, धौलपुर और पाली जिले अव्‍वल रहे।

By Udaipurviews

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