-राजेश वर्मा
उदयपुर, 28 नवम्बर: आयकर विभाग ने उदयपुर की नामी उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक प्राइवेट लि कंपनी के राजस्थान सहित तीन राज्यों में करीब दो दर्जन स्थानों पर छापा कार्रवाई की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार छापा कार्र्वाई अवैध परिवहन और आय से अधिक संपत्ति का मामला बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार गुप्त सूचना पर आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने शहर के उदियापोल क्षेत्र में सेंट्रल जेल के पीछे पुलिस लाइन के पास स्थित उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक प्राइवेट लि के हेड ऑफिस और रामसिंह जी की बाड़ी स्थित गौदाम पर अलसुबह छापे मार सर्च कार्रवाई शुरू की। आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा राजस्थान महानिदेशक रेणू अमिताभ के निर्देशन में विभिन्न टीमों ने बांसवाड़ा, उदयपुर के अलावा राजस्थान सहित गुजरात व महाराष्ट्र में करीब 23 ठिकानों पर छापा कार्रवाई कर कम्प्यूटर व अन्य आवश्यक दस्तावेज कब्जे में लिए है। इसमें गुजरात में दो, मुंबई में एक, बांसवाड़ा में तीन और जयपुर में एक और उदयपर में 16 ठिकानों पर छापा कार्रवाई की गई है। अन्य स्थानों पर छापे मारे गए हैं। उदयपुर में आयकर अधिकारी जयसिंह राव के सुपरविजन में कार्रवाई हो रही है। कंपनी के मुख्य कर्ताधर्ता टिकमसिंह राव हैं। उनके बेटे गगनसिंह राव किंग सेना के प्रमुख है। टिकम सिंह राव के करीबी लोगों को भी आयकर विभाग ने राडार पर लिया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को जानकारी मिली थी कि उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट संचालकों द्वारा टेक्स चोरी की जा रही है। अवैध वस्तु परिवहन की भी आशंकाएं जताई गई है। मामला संभवत: आय से अधिक संपत्ति का भी होना बताया जा रहा है। इसी के चलते उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी के विभिन्न ठिकानों पर छापा कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि जांच के बाद ही घपलों की जानकारी सामने आ सकेगी। कई बड़े खुलासे होने की संभावना बताई जा रही है। बड़ी काली कमाई का खुलासा हो सकता है।
सिरोया ग्रुप के ठिकानों पर भी पहुंची आयकर टीम
जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्ट कंपनी का देशभर में काम है। माल परिवहन में फर्जी बिल के जरिए बडे स्तर पर गड़बड़ियां किए जाने की शिकायत मिली है। आयकर टीम ने उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्टसे जुड़े सिरोया ग्रुप के विजेंद्र सिरोया और इसकी कंपनियों सिरोया पॉली प्लास्ट और सिरोया सीमेंट एंड केमिकल इंडस्ट्री के कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमें संबंधित कई दस्तावेज जुटाए हैं। हालाकि आयकर विभाग ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कितनी अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ है। इन कंपनियों द्वारा दिए गए डोनेशन के चलते उदयपुर का एक बड़ा एनजीओ भी जांच के दायरे में आया है।