शास्त्रीय नृत्य सत्रियाँ की प्रस्तुति

चित्तौड़गढ़ /25 अप्रैल/ स्पिक मैके के द्वारा विरासत 2023 के अंतर्गत असम के शास्त्रीय नृत्य सत्रिया की प्रस्तुति यूरोपियन किड्स स्कूल सेंती में हुई , यहां चेयरमैन ज्ञान सागर जैन द्वारा कलाकारों व अतिथियों का स्वागत किया । माल्यार्पण योगेश त्रिपाठी ने किया । अतिथियों व कलाकारों ने
 दीप प्रज्ज्वलन किया। साथी कलाकारों के रूप में खोल वाद्ययंत्र पर देबाजीत सेकिया,  गायन  गौतम बायन व बाँसुरी प्रसन्ना बरूआ द्वारा बजाई गयी ।
स्पिक मैके के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे.पी. भटनागर मे बताया कि
 सत्रिया की अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अनवेषा महंतो द्वारा बच्चों को सत्रिया नृत्य की पहचान कराई व इतिहास बताया । 15 वी शताब्दी की कला महान संत शंकर देव की रचना इनके प्रधान शिष्य माधव देव जी , को स्मरण करते हुए वेशभूषा , संगीत , वाद्य यंत्र , व पहनावे को दर्शाया । हस्त मुद्रा के बारे में बताते हुए संस्कृत के श्लोक के साथ  गुरु शंकर देव के मुख्य शिष्य माधवदेव की रचना जो
 सीता कल्याण में मन की बात बताई , उसने अपनी सखी के द्वारा श्री राम के बारे में बताया तो कल्पना में श्री राम को मन में बैठा देती है । सखी कलावती ने राम का सुन्दर वर्णन किया । स्वयंवर में राजा जनक धनुष लेकर आते हैं तो जो राजा स्वयंवर में आए थे आने वाले सभी अहम की वजह से धनुष को नहीं उठा पाते हैं । कोई भी इसमें सफल नहीं हुआ फिर राम जी ने आसानी से धनुष को उठाया , कवि ने संदेश दिया कि अहम कभी आगे नहीं बढ़ने देता है , तो हमेशा ध्यान रखना चाहिए । जब राम सीता की शादी हो जाती है तो माधव देव जी की रचना धन्य वो लोग जो भारत भूमि पर जन्म दिया इस कलयुग में जन्म लिया आदि ।बताया ,
 कृष्ण महिमा का वर्णन किया। कलाकार परिचय अध्यापिका संगीता अरोरा ने दिया ।
अंत में विद्यालय प्रशासन द्वारा आभार प्रकट किया ।
By Udaipurviews

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