–लघु उद्योग भारती उदयपुर का आयोजन
-जिला कलेक्टर ने किया पोस्टर का विमोचन
उदयपुर, 21 नवंबर। उदयपुर में 10 से 13 जनवरी 2025 तक होने जा रहे 11वें इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर की तैयारियां जोरों पर हैं। लघु उद्योग भारती उदयपुर के तत्वावधान में होने वाले इस फेयर के उद्देश्य, आयोजन की योजना और उद्योगों के लिए इसके संभावित लाभों को लेकर गुरुवार को जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल से पदाधिकारियों ने चर्चा की और जिला कलेक्टर से भी सुझाव लिए। यह फेयर दिल्ली पब्लिक स्कूल, उदयपुर के परिसर में होने जा रहा है।
जिला कलेक्टर पोसवाल ने इस आयोजन को शहर और राज्य के लिए मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह न केवल स्थानीय उद्योगों को नई पहचान देगा बल्कि उदयपुर के व्यापार और रोजगार को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने जनता से इस आयोजन में भाग लेने की अपील की और एक विशेष वीडियो संदेश जारी कर “उदयपुर उद्योग दर्पण” के माध्यम से जिले के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस फेयर की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह फेयर उदयपुर के उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने में मदद करेगा। स्थानीय व्यापारियों और निवेशकों के लिए यह सुनहरा अवसर है। इस आयोजन से उदयपुर का औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य और मजबूत होगा।
इस अवसर पर लघु उद्योग भारती उदयपुर के अध्यक्ष मनोज जोशी ने फेयर के महत्व और तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही सचिव कपिल सुराणा और कार्यक्रम संयोजक तरुण दवे ने फेयर की संरचना और संचालन योजना को रेखांकित किया। कलड़वास इकाई अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह राठौड़, सुखेर इकाई अध्यक्ष रोबिन सिंह, गिरवा इकाई अध्यक्ष हरिओम पालीवाल, उपाध्यक्ष मुकेश सिन्हा और कोषाध्यक्ष यशवंत मंडावरा सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपने विचार साझा किए।
फेयर की प्रमुख विशेषताएं : 11वें इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर 2025 में 400 से अधिक स्टॉल्स लगाई जाएंगी, जिसमें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उद्योग नवीनतम उत्पाद और तकनीक प्रदर्शित करेंगे। आयोजन में 50,000 से अधिक विजिटर्स की उपस्थिति की संभावना है, जिसमें उद्योगपति, निवेशक और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
यह फेयर उदयपुर के उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाने के साथ-साथ व्यापारिक अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा। राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की विशेष उपस्थिति से उद्योगों को और प्रोत्साहन मिलेगा।