उदयपुर। श्री मेवाड़ जैन युवा संस्थान द्वारा आयोजित प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के जन्मकल्याणक महोत्सव प्रथमेश 2025 के कार्यक्रमों की श्रृंखला में रविवार 16 मार्च को कई कार्यक्रम होंगे।
संरक्षक श्री पारस सिंघवी ने बताया कि चारित्र चक्रवर्ती आचार्य 108 श्री शांतिसागर जी महाराज के आचार्य पद प्रतिष्ठापन शताब्दी महोत्सव को समर्पित इस कार्यक्रम में उदयपुर नगर में संचालित सभी जैन पाठशालाओं से 500 से अधिक विद्यार्थी एवं 50 से अधिक शिक्षक उपस्थिति रहेंगे। संस्थान के अध्यक्ष निर्मल मालवी ने बताया कि इस कार्यक्रम में आचार्य 108 शांतिसागर जी के जीवन पर प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा गया हैं । प्रातः कालीन कार्यक्रम प्रातः 9 बजे से नेमीनाथ दिंगबर जैन मंदिर सेक्टर 3 में आयोजित होंगे।
कार्यक्रम संयोजक अरुण लूणदिया, सम्राट जैन शास्त्री, अंकित जैन शास्त्री, मनोज चंपावत एवं गीतेश दामावत ने संपूर्ण कार्यक्रम के जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा हैं, जिसमें बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कारमय जीवन जीने की प्रेरणा मिलती हैं।
संस्थान के कार्याध्यक्ष शांतिलाल जैन गांगावत ने बताया कि इसी दिन सायं 7 बजे से आचार्य श्री की वर्ष 1934 की वर्षायोग स्थली श्री चंद्रप्रभ जिनालय आयड़ में भव्य भक्तिमय महाआरती का आयोजन रखा गया हैं।
संस्थान के महामंत्री डॉ राजेश जैन देवड़ा एवं वरिष्ठ मंत्री गौरव जैन गनोड़िया ने बताया कि भव्य भक्तिमय महाआरती एवं आस्था का दीप चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर जी महाराज के नाम रखा गया हैं । इस कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र चित्तौड़ा, विमल नाथुत, विजय चित्तौड़ा, पवन चित्तौड़ा एवं संजय गुड़लिया ने बताया कि यह कार्यक्रम अपने आप में उदयपुर के लिए एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा।
प्रवक्ता जिनेन्द्र वाणावत ने बताया कि यह पूरा कार्यक्रम उदयपुर के लिए एक नया अध्याय लिखने वाला होगा। आगामी 23 मार्च को सकल जैन समाज के संयोजन में प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म एवम् तप कल्याणक धूम धाम से प्रथमेश 2025 मनाया जाएगा।
’प्रथमेश 2025 कार्यक्रम श्रृंखला में प्रथमाचार्य 108 श्री शांतिसागरजी के जीवन चरित्र पर प्रश्नोत्तरी एवं भव्य महाआरती आज
