प्रतापगढ़ : रखें सावधानी, लू एवं तापघात से न हो परेशानी

प्रतापगढ़,16 मई। ग्रीष्म लहर से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में सामान्यतः पानी की कमीगर्मी से होने वाली ऐंठन तथा थकावट और लू लगना आदि शामिल हैं। सीएमएचओ ने बताया की लक्षण दिखने या दस्त होने पर सावधानी बरतेंलू लगने पर ओआरएस घोल पीयें  और शिशु को ओ.आर.एस. घोल निर्धारित अंतराल में पिलाते रहेंदस्त रोकथाम के लिए जिंक दवा एवं ओ. आर. एस. पैकेट सभी राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों/आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं।

क्या है लू के लक्षण और बचने के उपाय- सीएमएचओ ने बताया की लू – तापघात रोग के लक्षण  सिरदर्दबुखारउल्टीअत्यधिक पसीना एवं बेहोशी आना कमजोरी महसूस होना शरीर में ऐंठननब्ज असामान्य होना है। अधिक गर्मी से गर्मी से होने वाली ऐंठन (हीट क्रेंप्स) भी होते है जिसमें कम ताप के हल्के बुखार के साथ सूज़न और बेहोशीगर्मी से होने वाली थकान (हीट एग्जॉस्शन) जिसमें थकानकमज़ोरीचक्करसिरदर्दमितलीउल्टियाँमांसपेशियों में खिचाव और पसीना आना से लोग प्रभावित हो सकते है। लू लगना या हीट स्ट्रोक- यह एक संभावित प्राणघातक स्थिति है। इससे बचने के लिए घर से बाहर निकलने के पहले पानी अवश्य पिएंसूती ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनेधूप में निकलते समय सिर पर टोपीकपड़ा या छाते का उपयोग करें छाछओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सीनींबू पानीकैरी की छाछ आदि का सेवन करेंभरपेट ताजा भोजन करके ही घर से निकलें। उन्होंने बताया की गर्मी में तरल पदार्थ ज्यादा लेते रहें जैसे की नींबू पानीनारियल पानीनमक का पानी जिससे व्यक्ति शरीर में पानी की कमी न हो और डिहाइड्रेशन का शिकार ना हो। उन्होंने यह भी बताया की इस हेतु कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का उपयोग न करें, वह शरीर के तापमान को बढ़ा देती है। उन्होंने यह भी कहा की ओआरएस हमेशा साथ रखें और हीट स्ट्रोक या लू लगने के लक्षण दिखने पर उसका सेवन करें और तुरंत अस्पताल में जाकर जांच करवाएं।

लू लगने या तापघात होने पर यह करें- सीएमएचओ ने बताया की इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेंधुप में न जाएँ ठंडी जगह ही रहेबॉडी में गीला तौलिया लपेटेंज्यादा से ज्यादा पानीजूस छाछ या लस्सी पीयें। लू के लक्षण दिखने पर बीमार व्यक्ति को गर्मी से दूर ठंडी जगह रखा जाएउससे ढीले और हलके कपडे पहनाये जाएत्वचा पर ठन्डे और गीले कपड़े का इस्तेमाल करेंलगातार थोड़ा थोड़ा ठंडा पानी पीते रहेपीड़ित के पानी न पीनेउल्टियां करने और बेहोश होने पर चिकित्सक की मदद ले। उन्होंने कहा की स्वास्थ्य सेवा सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 104/108 पर कॉल करें।

बच्चे को गर्मी-लू लगने पर उसकी हरकतों को पहचानना है जरूरी-सीएमएचओ ने बताया कि यदि बच्चे की शारीरिक गतिविधियां दैनिक से असामान्य हों यानी बच्चा सुस्त हो रहा होबच्चे में चिड़चिड़ापन होत्वचा सामान्य से अधिक रूखी सख्त हो रही होबच्चा स्तनपान/दूध पीने से मना करेपेशाब नहीं या कम मात्रा में कर रहा होऐसे कोई भी लक्षण प्रतीत हों तो शिशु के लिए उपचार-सावधानी की जरूरत होती है। ऐसे में उचित देखभाल करें और नजदीकी चिकित्सक से जांच कराएं। बच्चों में हाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की पूर्ति जरूरी हैगर्मियों में शरीर से पसीना निकलने की वजह से शरीर को तरल पदार्थों की जरूरत ज्यादा पड़ती है इसके लिए  शिशु को ढीले कपड़े पहनाएंताजा आहार खिलाएंघमौरियों से बचाव करें और शिशु को छांवदार स्थान पर रखें।

स्वस्थ व्यवहार अपनाएंमच्छरजनित रोगों को हराएं

प्रतापगढ़,16 मई। जिला कलेक्टर डॉ. अंजली राजोरिया ने बताया की मलेरियाडेंगूजैपनीज इन्सेफ्लाईटिसचिकनगुनिया एवं फाइलेरिया मच्छरजनित रोग हैं और मच्छरों के काटने से फैलते हैं। उन्होंने बताया  की  मच्छरों से बचाव हेतु घर के दरवाजोंखिड़कियों पर जाली लगवायेंपूरी आस्तीन के कपड़े पहनेंसोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करेंव्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखेंसुअर/जानवर बाड़ों की नियमित सफाई करें तथा उन्हें घर से दूर रखें और पानी की टंकी को ढक कर रखें। साथ ही फूलदान-गमलों एवं कूलर का पानी साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहेंनालियों की साफ-सफाई रखें व अपशिष्ट पदार्थों का उचित निस्तारण करें।

जिला कलेक्टर आमजन से अपील की है की सर्दीकम्पन के साथ बुखार आने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर खून की जांच करवाएं।

मच्छर जनित रोगों से कैसें करें बचाव-सीएमएचओ ने बताया की मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए घर और कार्यस्थल के आसपास कहीं भी पानी जमा न होने देमच्छर से काटने से बचेझोलाछाप चिकित्सकों से इलाज न करवाएं पुराने टायरप्लास्टिक के कपबोतलोंकबाड़ आदि में पानी इकट्ठा न होने दें और नियमित अंतराल में फ्रिज की ट्रेगमलों और कूलर की सफाई करें।

By Udaipurviews

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