श्रेष्ठ झांकी को भी मिलेगा पुरस्कार
-रात तक जारी रही नन्हें-मुन्नों की प्रविष्टियां
उदयपुर, 06 सितम्बर। प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ में जन्माष्टमी पर गुरुवार को लालन का मेला भरेगा। एक दिन पूर्व बुधवार को मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विशेष बात यह रही कि कान्हा-यशोदा व राधा-कृष्ण प्रतियोगिता के लिए रात तक प्रविष्टियों का दौर रहा। मेले के मद्देनजर प्रताप गौवर केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ पर्यटकों के लिए दोपहर 2 बजे तक ही खुला रहेगा।
प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि मेले में सुबह से रात तक कृष्ण भक्ति की सरिता बहेगी। शाम को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकियां सजेंगी, इनमें से श्रेष्ठ का चयन कर पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। अपराह्न में दही-हांडी प्रतियोगिता होगी। इसमें महिला वर्ग में भी अलग से प्रतियोगिता रहेगी। इसके प्रति भी उत्साह भी नजर आ रहा है। परिसर में 20 स्टॉल्स भी लगाई जाएंगी जो मेले का अहसास कराएंगी। इन स्टॉल्स पर ठाकुरजी की सेवा से संबंधित सामग्री के साथ भगवद भक्ति, राष्ट्रभक्ति से जुड़े साहित्य सहित चाट-पकौड़ी का स्वाद भी उपलब्ध होगा।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला समिति के संयोजक सत्यनारायण गुप्ता ने बताया कि आयोजनों का आरंभ प्रातःकाल 7 बजे गौरव केन्द्र परिसर के भक्तिधाम में स्थित भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों के पंचामृत अभिषेक से होगा। दोपहर एक बजे से 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए कान्हा-यशोदा वेशभूषा प्रतियोगिता होगी। इस प्रतियोगिता में बच्चों की माताओं को भी साथ आना अनिवार्य होगा। इसमें बिटिया भी कान्हा के रूप में भाग ले सकेंगी। इसी के साथ, 6 से 10 वर्ष तक की उम्र की बच्चों के लिए राधा-कृष्ण वेशभूषा प्रतियोगिता होगी। इसमें बच्चों को राधा या कृष्ण बनकर आना है।
आयोजन सहसंयोजक सत्यप्रकाश ने बताया कि रात 8 बजे से स्थानीय गायक कलाकार भक्तिगीतों की सरिता बहाएंगे। भजनों का दौर मध्यरात्रि तक जन्मोत्सव के दर्शन खुलने तक रहेगा। जन्मोत्सव के दर्शन के साथ ही महाआरती होगी और प्रसाद रूप में कान्हा के जन्म की बधाई बांटी जाएगी। सह संयोजक गौरव नागर ने बताया कि जन्माष्टमी पर भक्तिधाम परिसर की ओर से प्रवेश होगा जो निःशुल्क रहेगा।