उदयपुर। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अखिल भारतीय कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में झाड़ोल व फलासिया के स्वयं सहायता समूहों की 30 महिलाओं एवं गुडली के 40 कृषक परिवारों के लिए मुर्गीपालन व्यवसाय का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान कृषि महाविद्यालय में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत 10 महिला समूहों के गठन के साथ ही उन्हें कृषि संबंधित विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। इस हेतु झाड़ोल व फलासिया में 10 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है।
परियोजना प्रभारी डॉ विशाखा बंसल ने बताया कि इन दो दिवस में महिलाओं को मुर्गीपालन व्यवसाय की बारीकियां सिखाई गई। जैसे कि मुर्गियों को दाना कब और कैसे देना, मुर्गियों का बाड़ा तैयार करना, टीकाकरण, अंडे एकत्रित करना आदि।
प्रशिक्षण में डॉ गजानंद, डॉ सुभाष, डॉ डी पी एस डूडी, देवीलाल मेघवाल, डॉ केसराम, डॉ मनोज आदि ने मुर्गीपालन की विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में स्वयं सहायता समूहों को आय संवर्धन से जोड़कर स्वावलंबी बनाने पर विशेष जोर दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री कार्तिक सालवी, डॉ कुसुम शर्मा व अनुष्का तिवारी ने महिलाओं को पशुपालन ईकाई का भ्रमण करवाया।
मुर्गीपालन कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित
