उदयपुर। बजरंग दल के उदयपुर संयोजक राजू तेली उर्फ राजेंद्र परमार की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस मामले में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के कोटपुतली से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे एक पिस्टल भी बरामद की गई है। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि राजू तेली की हत्या के पीछे उसका क्या उद्देश्य था। पकड़ा गया आरोपी उन दो लोगों में शामिल था, जब वारदात के बाद भागते समय वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए। पुलिस इस मामले में एक अन्य आरोपी प्रीतमसिंह की तलाश में जुटी है, जिसने वारदात के बाद सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि इस मामले में उदयपुर सेंट्रल जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर दिलीप नाथ की भूमिका की जांच की जा रही है। रविवार को पुलिस ने सेंट्रल जेल की जांच की तब छह मोबाइल बरामद किए। उन मोबाइल्स से किए गए कॉल के आधार पर जांच शुरू की। संभावना जताई जा रही है कि जेल में बैठे अपराधी बाहर वारदात करा रहे हैं। पुलिस राजसमंद और चित्तौड़गढ़ जिले में भी हत्यारों की धरपकड़ की तलाश में जुटी थी। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस पीछा करते हुए कोटपुतली पहुंची तथा विजय मीणा नामक युवक के पास पहुंची तथा उसे हिरासत में लिया गया तो उसके पास पिस्टल मिली। जिसने पूछताछ में कबूल किया कि वह बजरंग दल संयोजक राजू तेली की हत्या में शामिल था। उदयपुर लाकर उससे पूछताछ की जा रही है। अभी तक हुई पूछताछ से यही खुलासा हुआ है कि भूमि विवाद को लेकर यह वारदात की गई है। राजू तेली की प्रीतम सिंह के अलावा जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर दिलीपनाथ से भी रंजिश चली आ रही थी।
गौरतलब है कि गत सोमवार रात करीब आठ बजे दो युवकों ने बजरंग दल के संयोजक राजू तेली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय पास से बारात गुजर रही थी, जिसके चलते गोली चलने की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी। जब लोगों ने राजू तेली को सड़क पर खून से लथपथ देखा तब घटना का पता चला। सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो दो युवकों को भागते देखा गया और अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्हीं ने राजू तेली की हत्या की।