-ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की ओर बढ़ते कदम
-100 बेड तक के अस्पताल के लिए अपशिष्ट प्रवाह मानकों में दी गयी शिथिलता
जयपुर 3 जनवरी। राजस्थान को ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में रोल मॉडल स्थापित करने एवं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के स्वस्थ एवं प्रगतिशील राजस्थान की सोच को साकार करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य मण्डल द्वारा 29 दिसम्बर 2023 को आदेश जारी कर 100 बेड से कम क्षमता के ऐसे अस्पताल जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट से जुड़े हैं, उनके लिए अब पृथक ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लगाना अनिवार्य नहीं होगा।
ऐसे सभी अस्पतालों को जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से नहीं जुड़े हुए हैं अथवा मेडिकल कॉलेज/संस्था से जुड़े हुए हैं अथवा जहाँ पर्यावरण स्वीकृति लेना अनिवार्य है, उनको पृथक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त 100 बेड से अधिक क्षमता के अस्पताल को भी अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य होगा।
राज्य मण्डल द्वारा जारी आदेशानुसार 100 बेड तक के अस्पताल जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े है, उनके लिये निर्धारित मानकों में शिथिलन भी प्रदान किया गया है। ऐसे अस्पतालों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जारी अपशिष्ट मानकों का अनुपालन करना अनिवार्य रहेगा। उक्त आदेश के तहत सभी अस्पतालों को निर्धारित मानकों के अनुरूप डिसइंफेक्शन हेतु व्यवस्था भी स्थापित करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल को एसटीपी संयंत्र स्थापित करना होता था वहीं अब जब नियमों में शिथिलता दी गयी है तो निश्चित तौर पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना एवं संचालन सुविधाजनक हो सकेगी।