गुणी को किया हुआ नमन अपने को गुणी बना सकता है: निरागरत्न

उदयपुर, 23 जुलाई। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के तत्वावधान में मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में चातुर्मास कर रहे पंन्यास प्रवर निरागरत्न जी म.सा. ने मंगलवार को धर्मसभा में कहा कि धनवान को किया हुआ नमस्कार अपने को धनवान नहीं बना सकता पर गुणी को किया हुआ नमन अपने को गुणी बना कर ही रहता है। श्रेणिक महाराज ने प्रभु वीर को नमस्कार किया तो आने वाली चौबीसी में श्रेणिक महाराजा भगवान महावीर की टू कॉपी बनेंगे। प्रभु वीर का पूरा का पूरा डेटा श्रेणिक राजा में ट्रांसफर हो जाएगा। इस नमस्कार को तीन तरह से कर सकते हैं पहला-रिमेम्बरिंग, उपकारियों की स्मृति के साथ, आज के दिन कोई भी तीन उपकारी को व्यक्त या अव्यक्त रूप से हम स्मरण करेंगे इतना संकल्प करो, दूसरा-रिटर्निंग-गाड़ी में रिवर्स गियर न हो तो हम गाड़ी चलाते हैं ? नहीं। तो वैसे ही मन में गलत कार्य हो जाने के बाद रिवर्स गियर है ? आज इतना संकल्प करो कि जिस गलत कार्य से मेरा मन बेचेन बने जीवन भी बदनाम होवे ऐसे कार्य से दूर रहूंगा और तीसरा-रिलविंग-बरसों से जिनके साथ विवाद है, बोलना बंद है उनके प्रति भी आज से प्रेम रखेंगे। चातुर्मास प्रवक्ता राजेश जवेरिया ने बताया कि पंन्यास प्रवर निरागरत्न जी म.सा. ने मंगलवार को 45 आगमों में से एक उत्तराध्ययन सूत्र की ज्ञान पूजा कर ग्रंथ की सारगर्भित व्याख्या की। पंन्यास प्रवर के दर्शनार्थ देशभर से श्रावक-श्राविकाओं के आने का क्रम जारी है।

By Udaipurviews

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