श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित

मिश्रीमल म.सा. एवं रूपमुनि रजत की जन्म जयन्ती में देशभर से उमड़े श्रावक
संत भगवान महावीर की परम्परा को आगे बढ़ानें का कर रहें उपक्रम: राज्यपाल कटारिया
उदयपुर 30 अगस्त। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा 30 अगस्त को सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में सुकुन मुनि जी महाराज के संघ सानिध्य में मरूधर केसरी मिश्रीमल जी म.सा. एवं रूपमुनि रजत महाराज की जन्म जयन्ती का विशाल आयोजन हुआ जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 1000 से ज्यादा श्रावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, अति विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता कैसी बोकाडिया, आनंदमल छल्लानी, एडवोकेट सुंदरलाल मांडावत, अशोक कोठारी, चंद्र प्रकाश तालेडा, नरेश बोहरा, अनिल पुनरिया, कालू लाल तातेड, सकल जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत थे। इनके साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, उदयपुर की पूर्व मेयर रजनी डांगी एवं समाजसेवी व कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
आयोजन का प्रारम्भ ध्वजारोहण एवं मंगलाचरण के साथ हुआ। स्वागत अध्यक्ष एडवोकेट सुंदरलाल मांडावत ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आज अत्यंत हर्ष का विषय है कि इतना बड़ा ऐतिहासिक आयोजन मेवाड़ की पवित्र धरा उदयपुर में हो रहा है। उन्होंने देश भर से इस आयोजन में भाग लेने आए श्रावकों का आभार व्यक्त किया। सुरेश नागौरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारंे पूजनीय मिश्रीमल जी महाराज की 133 की जयंती एवं लोकमान्य संत रूप मुनि जी महाराज के 96वी जयंती का गुणगान करने का हमें अवसर मिला। यह हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है।
इस अवसर पर सुकुन मुनि जी महाराज ने लोकमान्य संत शेरे राजस्थान अहिंसा दिवाकर रूपचंद महाराज रजत एवं श्रमण सूर्य दिव्य विभूति भारत भूषण श्रमण संघीय गुरुदेव मरुधर केसरी मिश्रीमल महाराज साहब का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया।
साध्वी श्री हर्ष प्रभा ने दोनों महान संतों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहां कि हमें उनके गुणों को जीवन में उतारने की जरूरत है। हमें उन महान विभूतियों के चरित्र से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। वरुण मुनि ने कहा कि दोनों महान विभूतियों ने आजीवन संयम को धारण किया और अपने तप के बल पर वह जन जन की श्रद्धा के केंद्र बने। अमृत मुनि जी महाराज ने अपनी अमृतवाणी से सभी को धर्म प्रभावना करते हुए कहा कि हमारे महान गुरुजनों का चरित्र देश ही नहीं दुनिया को प्रेरणा देने वाला है। उन जैसी महान विभूतियां सदियों सदियों में बिरली ही होती है। मुनि श्री महाश्रमण जी ने भी दोनों चरित्र आत्माओं के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी श्रावकों से अपील की वह उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त करें।
समारोह को संबोधित करते हुए असम के राज्यपाल महामहिम गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह उदयपुर का सौभाग्य है कि दोनों ही महान संतों की जयंती उदयपुर में मनाई जा रही है। हमारे संत भगवान हमेशा हमारे पूजनीय रहे हैं क्योंकि यह भगवान महावीर की परंपरा को आज भी निरंतर आगे बढ़ाने का उपक्रम कर रहे हैं। गुरूजन अपने दिव्य ज्ञान और दिव्य देशना से समाज को हमेशा लाभिन्वत करते रहते हैं। संतों की दिव्या देशना से आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलती है।
महामहिम कटारिया ने इस दौरान सभी को अनुशासन और समय की महत्वता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि कोई भी आयोजन या कार्यक्रम हो उसमें समय की महत्ता बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। आयोजन समय पर प्रारंभ करना और समय पर खत्म करना यह आयोजकों की जिम्मेदारी होती है। किसी भी आयोजन में नेताओं को हमेशा उलालाना मिलती है की नेता है देरी से आते हैं जल्दी चले जाते हैं। लेकिन यह आयोजकों की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह आयोजन की समय सीमा का हमेशा ध्यान रखें। राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने भी अपने विचार रखें। सुकुन मुनि जी महाराज के मंगल आशीष के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता कैसी बोकड़िया ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन संघ के मंत्री एडवोकेट रोशनलाल जैन ने किया।
आयोजन में कोटडा से आए समाज जनों एवं सोजत सिटी से आए श्रीसंघ के सदस्यों ने सुकुन मुनि जी महाराज से चातुर्मास की विनती की।

By Udaipurviews

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