समन्वित कृषि प्रणाली में सब्जियो का महत्व प्रशिक्षण का आयोजन

उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा लघु एवं सीमांत कृषक परिवारों में समन्वित कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा टाकरदा,चित्तौड़गढ़ में किया आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के आरम्भ में अधिष्ठाता, मत्स्यकी महाविद्यालय व निदेशक आवासीय, मप्रकृप्रौविवि, उदयपुर एवं प्रोजेक्ट इन्चार्ज डाॅ. आर.ए. कौशिक ने कृषक महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि समन्वित कृषि प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कृषि के विभिन्न उद्यमों जैसे- फसल उत्पादन, पशुपालन, फल एवं सब्जी उत्पादन, मछली उत्पादन, मुर्गीपालन, दुग्ध एवं खाद्य प्रसंस्करण, वानिकी इत्यादि का इस प्रकार समायोजन किया जाता है कि ये उद्यम एक-दूसरे के पूरक बनकर किसानों को निरन्तर आमदनी प्रदान करते हैं। समन्वित कृषि प्रणाली में संसाधनों की क्षमता का न केवल सदुपयोग होता है अपितु उत्पादकता एवं लाभप्रदता में भी शीघ्रतिशीघ्र वृद्धि होती है। समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने से कृषि लागत में कमी आती हैं एवं रोजगार तथा आमदनी में वृद्धि होती हैं । प्रशिक्षण के दौरान डाॅ. कपिल देव आमेट, सह-आचार्य, उद्यानिकी विभाग ने कहा की कम जमीन में आमदनी को बढाने हेतु फसलो के साथ- साथ सब्जीयो की खेती करना चाहिए व बताया की फसलों में नर्सरी का विशेष महत्व होता हैं, क्योंकि सब्जी की फसल से होने वाला उत्पादन नर्सरी में पौधों की गुणवता पर निर्भर करता है। अधिकांश सब्जियों की खेती नर्सरी तैयार करके की जाती है। जैसे टमाटर, बैंगन, मिर्ची, शिमला मिर्च, फूल गोभी, पत्ता गोभी, गांठ गोभी, प्याज इत्यादि। साथ ही प्रौ ट्रे में कट्टुवर्गीय सब्जियां जैसे- खीरा, लोकी, तुरई, करेला, कदु, तरबूज, खरबूज की भी नर्सरी तैयारी की तकनीकी जानकारी का विस्तृत वर्णन किया। डाॅ. प्रकाश चन्द खटीक, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग,चित्तौड़गढ़ ने कृषको को बंदू-बंदू सिचाई, मलचिग व लाॅ टनल जैसी तकनीकों के बारे मे बताते हुए कहा की सरकार दारा इन योजनाओ पर 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है इसके अलावा सरकार की अन्य योजनाओ के बारे मे चर्चा की। मेनेजर इफको मुकेश आमेटा ने नैनौ यूरिया व नैनौ ङिएपी के फायदे बताते हुए इनके उपयोग के बारे मा विस्तृत जानकारी साझा की। कृषि पर्यवेक्षक सोनू धाकङ ने भी विचार साझा किए। प्रोग्राम ऑफिसर, डाॅ. आदर्श शर्मा ने बताया की यह प्रशिक्षण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रयोजित परियोजना के अन्तर्गत आयोजित किया गया व इस प्रशिक्षण में कुल 60 कृषको ने भाग लिया । कार्यक्रम के अंत में गौहर मेहमूद, कट्स मानव केन्द्र, चित्तौड़गढ़ ने सभी का अभिंदन व्यक्त किया इस दौरान मनीष रुॅथला, गायत्री मोङ, मुकेश आदि उपस्थित रहें।

By Udaipurviews

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