चित्तौड़गढ़ 10 अक्टूबर। कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को कृषि उप जिले चित्तौड़गढ़ के कृषि आदान (बीज, उर्वरक, कीटनाशक) विक्रेताओं की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पंचायत समिति चित्तौड़गढ़, बड़ीसादड़ी, भदेसर, निम्बाहेड़ा एवं डूगंला के कृषि आदान विक्रेताओं ने भाग लिया। सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) अंशु चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने से रबी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना को देखते हुए उर्वरकों की मांग बढ़ेगी। बुवाई के समय उपयोग में लिया जाना वाला डीएपी उर्वरक के स्थान पर एसएसपी उर्वरक उपयोग में लेने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु विक्रेताओं को निर्देशित किया।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) दिनेश कुमार जागा ने उर्वरक निर्धारित दर पर वितरण करने एवं किसी भी उर्वरक के साथ किसी अन्य आदान टेगिंग नहीं करने, कृषि आदानों का पक्का बिल देने एवं क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न ग्रेड के एन.पी.के. उर्वरक के उपयोग करवाने हेतु निर्देशित किया। उप निदेशक उद्यान चित्तौड़गढ़ डॉ. शंकर लाल जाट ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की पालना सुनिश्चित करते हुए आदानों स्टॉक रजिस्टर संधारण, मूल्य सूची प्रदर्शित करने, उर्वरक का पोस मशीन एवं भौतिक स्टॉर मिलान, सभी उपलब्ध आदानों का अनुज्ञापत्र में अंकन रखने हेतु निर्देशित किया गया। कृषि अधिकारी ज्योति प्रकाश सिरोया व गोपाल लाल शर्मा द्वारा कीटनाशी अधिनियम, बीज नियंत्रण आदेश एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश के विभिन्न नियमों, उप नियमों की जानकारी दी गयी। कृषि अधिकारी गोपाल लाल धाकड़ द्वारा अनुज्ञापत्र हेतु आवेदन, संशोधन, पीसी/ओ फार्म जुड़वाने संबंधि जानकारी दी गयी। अंत में आदान विक्रेता संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र गौड़ ने विभाग को आश्वस्त किया कि सभी आदान विक्रेता आप द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना सुनिश्चित करेगें।