मुख्यमंत्री के प्रथम कार्यकाल में हुआ ऑनलाइन सेवाओं का शुभारंभ, प्रदेश में 85 हजार से अधिक ई-मित्र कियोस्क, 700 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित

जयपुर, 6 दिसम्बर। ई – गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन व आमजन को सेवाओं की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित करना राज्य सरकार का मूलमंत्र है। इसी दिशा में  ई- मित्र राज्य सरकार द्वारा शुरु की गई ई -गवर्नेंस सेवा है, जिसे सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। ई – मित्र कियोस्क राजस्थान सरकार की ओर से अधिकृत किया गया एक सेवा केन्द्र है, जिससे आम नागिरकों को एक ही छत के नीचे सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है साथ ही विभिन्न योजनाओं में आवेदन करना भी  सरल हो गया है। वर्तमान में सभी शहर, नगरों एवं गांवों में हमें ई – मित्र देखने को मिलते हैं। इसके माध्यम से पेपरलेस कार्य- प्रणाली को अपनाया गया है।
राज्य में आमजन को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुँचाने तथा ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ने के लिए राज्य में लगभग 85 हजार से अधिक ई-मित्र कियोस्कों का संचालन किया जा रहा है। जिससे आमजन को सरकारी और गैर- सरकारी क्षेत्र की लगभग 600 से अधिक सेवाएँ तथा 400 से अधिक गवर्नमेंट टू सिटीजन (जी2सी) सेवाएं प्रभावी रुप से अपने घर के नजदीक ही उपलब्ध कराई जा रही हैं। ई- मित्र के संचालन से ना केवल आमजन की सरकारी योजनाओं तक पहुँच बढ़ी है साथ ही इससे स्वरोजगार को भी बढावा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के प्रथम कार्यकाल 2002 में लोकमित्र की स्थापना के साथ ही प्रदेश में बिना सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए सुगमता से  आमजन को सेवाएं उपलब्ध कराने के नये युग की शुरुआत हुई। इसी दिशा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 की अनुपालना करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के माध्यम से 200 से अधिक निजी क्षेत्र की बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) सेवाओं को ई-मित्र से जोड़ा जायेगा। जिसमें डिजिटल शिक्षा, कृषि, चिकित्सा परामर्श, म्यूच्यूअल फंड, इंश्योरेंस, हाउस रेंट, बैंकिंग आदि सेवाएं आमजन तक पहुँचाई जा रही हैं। गौरतलब है कि 75 से अधिक बी2सी सेवाएं आमजन को पहले से ही ई- मित्र के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।
11 हजार 341 ग्राम पंचायतों को मिल रहा ई-मित्र सेवा का लाभ
प्रदेश में पिछले 2 दशकों से ई-मित्र कियोस्कों का चलन बढ़ा है। इसी क्रम में अब तक लगभग 14 हजार 891ई-मित्र प्लस स्थापित किए गए हैं। जो की  ई-मित्र परियोजना का ही एक उन्नत स्वरुप है, जिसके माध्यम से आमजन स्वयं मानव रहीत ई-मित्र e- mitra plus machine के माध्यम से उपलब्ध सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते है। ई-मित्र परियोजना  से प्रतिमाह 700 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त किया जा रहा है। आमजन द्वारा प्रतिमाह ई-मित्र की सहायता से 75 से 80 लाख ट्रांजेक्शन किए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी सरकारी सेवाओं का लाभ पहुँचाने के लिए 11 हजार 341 ग्राम-पंचायतों को ई-मित्र परियोजना  से जोड़ा गया है तथा अबतक 2 करोड़ से अधिक नागरिकों ने ई-मित्र की सेवाओं का लाभ उठाया।
ऑनलाइन पहुँच कभी-भी, कहीं भी
आमजन को सभी लोककल्याणकारी सेवाओं की जानकारी एक ही छत के नीचे ई-मित्र किओस्कों के साथ – साथ ही ई-मित्र प्लस मशीन, e-Mitra@Home, ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल एप के द्वारा भी प्रदान करवाई जा रही है। ई – मित्र के माध्यम से आमजन को अपने नजदीक ही जनाधार, पानी बिजली के बिल, मूल- निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, पेंशन, पुलिस सत्यापन, चिरंजीवी पंजीकरण, पेन कार्ड आदि विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन, कॉलेज फार्म सहित सरकार की अन्य जनकल्याणकारी सेवाओं की सुविधा प्रदान की जा रही है। ई-मित्र सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं के लिए सिगंल विंड़ो के रुप में कार्य करता है तथा ई-मित्र का संचालन कर आज बहुत से युवा स्वरोजगार की राह पर चल रहे हैं।
By Udaipurviews

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