मां लेकर गई थी भोपे के पास, एनआईसीयू में कराना पड़ा भर्ती
उदयपुर। भीलवाड़ा में एक महीने की बालिका को गर्म सलाखों से दागे जाने का मामला सामने आया है। बच्ची की मां जुकाम होने पर उसका उपचार के लिए भोपे(ग्रामीण क्षेत्र में खुले पूजा स्थलों के पुजारी)के पास लेकर गई थी। जहां भोपे ने गर्म लोहे के सलाख से बच्ची को डाम(दाग)लगाया गया। इससे बच्ची की हालत खराब हो गई और गंभीर स्थिति में उसे भीलवाड़ा के जिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।
बताया गया कि मामला भीलवाड़ा जिले के फूलियाकला थाना क्षेत्र के गांव पनोतिया का है। यहां रामदास बागरिया की पत्नी सोनिया अपनी एक महीने की बेटी सोनिया को जुकाम और निमोनिया के पीड़ित होने पर उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय गांव के भोपे के पास लेकर गई थी। भोपे ने मासूम के पेट को गर्म सलाखों से दाग दिया। बताया गया कि महिला का पति रामदास मजदूरी के चलते भीलवाड़ा से बाहर था।
पेट पर दागे जाने के बाद बच्ची की तबीयत और बिगड़ गई। जिस पर महिला की मौसी सास उसे करीबी शाहपुरा के हॉस्पिटल लेकर पहुंची। जहां हालत गंभीर पाए जाने पर उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी जिला हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। बताया गया कि बालिका इस अस्पताल की एनआईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि मेवाड़—वागड के लोग अभी भी अंधविश्वास के चलते बच्चों का अस्पतालों में उपचार की बजाय भोपों के पास ले जाते हैं। जिसके चलते हर साल दर्जनों बच्चों की जान चली जाती है।
एक महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से दागा
