शिल्पग्राम में एक दिवसीय इण्डो-टर्की कला संगम कार्यशाला 

उदयपुर, 27 अक्टूबर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर एवं पीएन चोयल मेमोरियल ट्रस्ट उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शिल्पग्राम में एक दिवसीय इण्डो-टर्की कला संगम कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई। कार्यशाला में कुल 32 कलाकारों में 22 भारतीय एवं 10 विदेशी कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने भारतीय कला एवं संस्कृति से प्रेरित कार्यशैली को कैनवास पर उकेरा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि कला की एक वैश्विक भाषा होती है और वह सार्वभौमिक होती है। यह समाज की आत्मा है।  दृश्य कला सभी बाधाओं को पार करते हुए संचार का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक है। कला हमारे शरीर और आत्मा को स्वस्थ करती है और मनुष्य को बदल सकती है। शांति और सार्वभौमिक सामान्य समझ लाने के लिए यह आवश्यक है। कलाकारों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण के उद्देश्य से केन्द्र द्वारा शिल्पग्राम में एक दिवसीय इण्डो-टर्की कला संगम कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें देशी-विदेशी कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का आदान-प्रदान किया। जिससे देशी एवं विदेशी कलाकारों ने एक दूसरे की तकनीक को बारीकियों से जाना ।

By Udaipurviews

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