नाथुवास तालाब को लेकर विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की चिंता हुई सही साबित
निरंतर बारिश के बाद तालाब ओवरफ़्लो होने की कगार पर जल भराव क्षेत्र में रहवासी हो रहे परेशानी
समय पर अधिकारी करते समाधान तो मिल सकती थी राहत
समय पर अधिकारी करते समाधान तो मिल सकती थी राहत
राजसमंद 4 सितंबर। नाथुवास तालाब को लेकर कुछ माह पहले नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ द्वारा विधानसभा में व्यक्त की गई चिंता अब सही साबित हो रही है। उन्होंने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा था कि बड़े तालाब हो या छोटे तालाब हों, उनकी आज दुर्दशा हो गई है। विशेष रूप से नाथुवास तालाब का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि नाथद्वारा स्थित नाथुवास तालाब की निकासी को ही बंद कर दिया गया। संबंधित विभाग को निकासी की मरम्मत करनी चाहिए थी ताकि यहाँ अनावश्यक जल भराव न हो, लेकिन मरम्मत के बजाय निकासी को ही चुन कर बंद कर दिया था। इसके साथ ही नाथुवास तालाब के जल भराव क्षेत्र में लोगों ने मकान भी बना लिए। नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा है कि आज इस तालाब की सुरक्षा के नाम पर कोई पुख्ता तैयारी नहीं है, इस तालाब की पाल अगर फूटी तो पूरा नगर प्रभावित हो सकता है। आज यह तालाब पूरा भरने में से सिर्फ 4 इंच बाकी है, यह तालाब आने वाले वक्त में खतरे की घंटी बन सकता है। इस तालाब के भराव क्षेत्र में स्थित मकानों के निवासी अब परेशान हो रहे हैं क्योंकि पानी की निकासी नहीं होने से मकानों में पानी भरने लगा है। श्री मेवाड़ ने कहा है कि इसके अलावा नाथुवास तालाब में निरंतर गंदा पानी भी घुलता जा रहा है जिससे यहाँ आस-पास के घरों में रहने वाले लोग भी परेशान हो चुके हैं। इस तालाब को पुनः पूर्व स्थिति में लाने की जरूरत है। समय रहते अब संबंधित विभागों के अधिकारियों को विशेष टास्क फोर्स बनाते हुए इस समस्या का निदान करना चाहिए। मेवाड़ ने विधानसभा में हाल ही में पूछे ये सवाल : विधायक श्री मेवाड़ ने विधानसभा में पूछा कि प्रदेश में स्थित तालाबों की पाल के निरीक्षण और मरम्मत के लिए सरकार की क्या नीति है? नाथद्वारा और उदयपुर में उक्त कार्य कब-कब और किस विभाग द्वारा करवाया गया? विवरण सदन की मेज पर रखें। प्रदेश में तालाबों का जल स्तर तय करने का निर्णय किस स्तर पर किया जाता है? विवरण सदन की मेज पर रखें। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सही है कि जल संसाधन विभाग के नियंत्रणाधीन बांधों एवं तालाबों का निरीक्षण मानसून पूर्व एवं मानसून पश्चात किया जाकर सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी किया जाता है? यदि हां, तो विधान सभा क्षेत्र नाथद्वारा व उदयपुर के बांधों एवं तालाबों में वर्ष 2023 व 2024 में किए गए निरीक्षण के सुरक्षा प्रमाण पत्र की प्रति सदन की मेज पर रखें। जल स्रोतों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं विधायक नाथद्वारा विधायक श्री मेवाड़ का यही प्रयास है कि जल स्रोतों का संरक्षण किया जा सके। उनका सदैव यह प्रयास रहा है कि जल स्रोतों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। उनके नेतृत्व में जल संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे क्षेत्र के पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा की जा सके और जल की निरंतर आपूर्ति बनी रहे। श्री मेवाड़ जल संरक्षण की विभिन्न योजनाओं और अभियानों को सक्रिय रूप से समर्थन देकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्थानीय निवासियों को जल की कमी का सामना न करना पड़े। उन्होंने जल स्रोतों के पुनर्वास और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए हैं, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जल उपलब्ध हो सकेII