वकीलों ने कोर्ट में की नारेबाजी, भारी पुलिस बल रहा तैनात
उदयपुर, 13 फरवरी। रिश्वत के मामले में पकड़े गए आरपीएस जितेंद्र आंचलिया सहित सभी चारों आरोपी सोमवार को जेल भेज दिए गए। सभी आरोपियों को एसीबी जयपुर के अधिकारियों ने सोमवार दोपहर भ्रष्टाचार निरोधक संबंधी मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत में पेश किया था। इस दौरान वकीलों ने आंचलिया को भ्रष्टाचारी बताते हुए उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि पूर्व कयास के अनुसार भारी पुलिस बल अदालत में थी।
शनिवार दोपहर एसीबी जयपुर की टीम निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया के अलावा, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल खटीक के अलावा अन्य दो दलालों रमेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को लेकर कोर्ट में पेश करने ले गई। जिन पर एनआरआई को दबाव में लेकर उसकी जमीन के बदले 1.83 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है। जब उन्हें कोर्ट में पेश करने ले गए तब वकीलों ने जितेंद्र आंचलिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि जितेंद्र आंचलिया उदयपुर के कई थानों में रहे और जमकर भ्रष्टाचार किया।
उल्लेखनीय है कि आरपीएस आंचलिया को एसीबी जयपुर की टीम ने उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. लाखन पोसवाल के घर से पकड़ा था। तीन दिन के रिमांड के बाद उन्हें अन्य तीन आरोपियों के साथ अदालत में पेश किया था। इससे पहले जयपुर एसीबी की टीम उन्हें भूपालपुरा के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर उनके स्वास्थ्य की जांच कराने पहुंची थी।
आंचलिया ने अपनी पैरवी खुद की
अदालत में आरोपी जितेंद्र आंचलिया ने खुद अपनी पैरवी की। आंचलिया ने सभी आरोपो को नकारते हुए कहा कि सुखेर थाने में दर्ज एफआईआर में उनका नाम ही नहीं है और ना ही रोशनलाल द्वारा की गई बातचीत में भी उनका जिक्र है। एसीबी को मिली ऑडियो रिकॉर्डिंग को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी वॉइस वैरीफिकेशन की जाए। करीब 20 मिनट चली सुनवाई में 10 बिंदुओं पर आंचलिया ने अपना पक्ष रखा।
यह है मामला
दरअसल एक एनआरआई पर दबाव डालने और जबरन लिखित समझौता करवाने के आरोप में जयपुर एसीबी की टीम आंचलिया समेत चारों आरोपियों को पकड़ा था। आंचलिया ने एनआरआई को धमकाकर अपने हाथों से लिखकर समझौता करवाया था। आरोप था कि आंचलिया के कहने पर ही पीड़ित पक्ष से दो दलालों और एक महिला ने 1 करोड़ 83 लाख रूपए लिए थे। सुखेर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने भी एफआर लगाने के लिए दो लाख रूपए मांगे थे। इस पर परिवादी एसीबी के पास पहुंच गया था और पूरे मामले की एसीबी ने सत्यापन के बाद जांच शुरू की थी। एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह की टीम ने यह कार्रवाई की थी।