राज्यमंत्री डॉ. यादव ने किया जिला स्तरीय अमृता हाट का उद्घाटन
डूंगरपुर, 13 फरवरी/सांगानेरी प्रिंट से लेकर हर्बल प्रोडक्ट, सौलर चलित बेट्री, आचार, पापड़, बांस के उत्पाद, कृषि उर्वरक, हैंडबैग सहित रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी ऐसे ही कई उत्पादों के प्रदर्शन के साथ ही महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की नई इबारत लिखी जा रही है। शहर के दशहरा मैदान में राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार से शुरू हुए अमृता हाट में राज्य के विभिन्न जिलों से 80 स्वयं सहायता समूहों की 150 से अधिक महिलाओं के स्टॉल पर सिर्फ उत्पादों का ही बिक्री या प्रदर्शन नहीं हो रहा है, बल्कि इस मेले के माध्यम से राज्य में महिलाओं के बढ़ते आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वालम्बन को भी महसूस किया जा सकता है।
कस्तूरबा नहीं होती, तो गांधी नहीं होते- डॉ. शकर यादव:-
जिला प्रशासन डूंगरपुर और महिला अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित अमृता हाट का शुभारंभ अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. शंकर यादव ने फीता काटकर एवं भगवान गणपति की प्रतिमा की समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ. यादव ने मेले में राज्य के विभिन्न जिलों से 80 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की ओर से प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की। डॉ. यादव ने सभी को राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में नारी को नारायणी माना गया है। हम मातृ शक्ति के रूप में नारी को पूजते हैं। नारी कभी कमजोर नहीं हो सकती और न ही नारी को कोई कमतर आंक सकता है। इसके बावजूद आए दिन महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं, तो मन व्यथित होता है। महिलाओं पर होने वाला हर जुल्म सभ्य समाज पर सवालिया निशान खड़ा करता है। महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी उपाय है आर्थिक सशक्तीकरण। राज्य मंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि बापू के जीवन में उनकी धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी का अहम योगदान रहा। यदि कस्तूरबा नहीं होती, तो शायद मोहनदास कभी महात्मा गांधी नहीं बन पाते। राज्य सरकार की ओर से भी महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अषोेक गहलोत ने हाल ही बजट पेश किया है, उसमें भी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की गई है। महिलाओं को अपने मन से असहाय या बेसहारा होने का भाव निकालकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए और इस दिशा में अमृता हाट जैसे आयोजन अहम भूमिका निभा सकते हैं।
बिटिया के जन्म पर पहुंचेगा जिला कलक्टर का बधाई संदेश:-
इस अवसर पर डॉ. यादव ने महिला अधिकारिता विभाग की ओर से तैयार करवाए गए बेटी के जन्म पर बधाई संदेश कार्ड का विमोचन भी किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत नवाचार के रूप में जिले में बिटिया के जन्म पर जिला कलक्टर की ओर से बधाई संदेश घर पहुंचाया जाएगा। इस बधाई संदेश में वागड़ी में बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आत्मनिर्भर बनाने तथा परिवार और देश का नाम रोशन करने की अपील के साथ ही जन्म से एक साल तक लगने वाले टीके तथा मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत बिटिया के जन्म पर चरणबद्ध रूप से मिलने वाली 50 हजार रूपये की सहायता राशि की जानकारी दी गई है।
हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत:-
अमृता हाट के शुभारंभ समारोह के दौरान बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित महिला सशक्तीकरण से जुडे विभिन्न विषयों पर आधारित हस्ताक्षर अभियान की भी शुरुआत की गई। राज्यमंत्री सहित उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों और गणमान्य लोगों ने हस्ताक्षर किए।
बेटियों को राजकुमारी नहीं, शेरनी बनाओ:- मौली भट्ट
इस अवसर पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की कक्षा 11वीं की छात्रा मौली भट्ट ने अपने भाषण में कहा कि आज बेटियों को राजकुमारी नहीं, शेरनी बनाने की आवश्यकता है। महिलाओं को महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए। इस अवसर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की डूंगरपुर जिला ब्रांड एम्बेसेडर नव्या डामोर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सहायक निदेशक मोतीलाल मीणा ने बताया कि 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे बैंक कार्य प्रणाली, ऑनलाइन, बैंकिंग, बैंक धोखाधड़ी, दोपहर 2.50 बजे विभागीय जानकारी, सायंकालिन कुर्सी, रेस, चम्मच रेस, एक मिनट शो एवं नाटक, गीत कविता, नृत्य, पोस्टर प्रतियोगिता (देश भक्ति, स्वच्छता पर तीन-तीन कार्यक्रम) का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी को महिला हिंसा, संबंधित कानून, प्रावधान, वार्ता, केण्डल मार्च, गुड टच बैच टच, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं नाटक, गीत, कविता, नृत्य, महिला हिंसा, बेटी बचाओं, बेटी सम्मान (तीन-तीन कार्यक्रम) का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को कृषि-उद्यान व बागवानी, घरेलू पदार्थ, महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिये जीवन कौशल सत्र, सरकार की मुख्य योजनाओं पर वार्ता, सायंकालीन एक मिनट शो, मटकी फोड व सांस्कृतिक खुला मंच पंजीयन के आधार पर चयन किया जाएगा तथा 17 फरवरी को बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं जन्मोत्सव, सायंकालीन स्वयं सहायता समूहों द्वारा कार्यक्रम एवं समापन कार्यक्रम किया जाएगा।