उदयपुर । सज्जनगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में लगातार इंसानी दखल बढ़ने और होटल—रिसोर्ट के अंधाधुंध निर्माण के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन समिति की बैठक के दौरान अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर अरविन्द पोसवालने स्पष्ट किया कि अभयारण्य सीमा के एक किलोमीटर या ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा में से न्यूनतम परिध में किसी तरह के नए होटल—रिसोर्ट के लिए भूमि परिवर्तन की स्वीकृति जारी नहीं की जाएगी। अभयारण्य की सीमा के एक किलोमीटर की परिधि के बाहर एवं ईको सेन्सिटिव जोन की सीमा के भीतर यदि कोई नई होटल रिसोर्ट के लिए भूमि परिवर्तन के आवेदन प्राप्त होते हैं तो ऐसे प्रकरणों का संबंधित विभ्ज्ञागों से पूर्ण जांच कर प्रकरणों की मॉनिटरिंग कमेटी के सामने रखा जाएगा। जिसमें कमेटी ही नियमानुसार निर्णय लेगी।
ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगेंगे डिस्पले बोर्ड
सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेंसेटिव जोन की सीमा के भीतर तथा फतहसागर झील के आसपास क्षेत्र में मोबाइल, डीजे, म्यूजिक सिस्टम, बारात एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रम में चार पहिया वाहनों पर बैण्ड आदि नहीं बजाए जाएंगे। इसकी रोकथाम के लिए पुलिस महकमा एवं जिला परिवहन विभाग कार्यवाही अमल में लाएगा। उदयपुर विकास प्राधिकरण तथा उदयपुर नगर निगम की ओर से सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन एवं फतहसागर झील के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिनसे गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बैनर तथा डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे।
अब सज्जनगढ़ अभयारण्य के ईको सेन्सिटिव जोन में नहीं बनेंगे नए होटल—रिसोर्ट
