उदयपुर.नगर संवाददाता। मेवाड़ की लोकप्रसिद्ध गवरी की धमक इन दिनों गांव-शहरों में बनी हुुई है। मां गौरज्या की उपासना में भील समाज के लोग अपने चालीस दिवसीय अनुष्ठान के तहत व्रतों का पालन करते हुए धार्मिक स्थल और गांवों में जाकर गवरी खेल रहे हैं। उत्तरी सुंदरवास के शिव चौक में शुक्रवार को लोयरा गांव के कलाकारों ने गवरी नृत्य किया। इसको देखने के लिए सुबह से सैकड़ों की संख्या में लोग जमे रहे। इस गवरी की खास बात यह रही कि इसमें बुजुर्गों के मार्ग दर्शन में नई पीढ़ी के कलाकार उतरे। करीब पांच साल के बच्चे से लेकर किशोर और युवा पीढ़ी के कलाकारों ने देखने वालों को गवरी के परंपरागत खेलों से हंसाकर लोटपोट किया तो कहीं भावमग्र कर दिया।
सुंदरवास में गवरी में उतरी नई पीढ़ी
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