मानवीय मूल्यों, भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित है नवीन शिक्षा नीति – प्रो. सारंगदेवोत

नवीन शिक्षा नीति पर एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयेाजन
गुणवत्ता, नवाचार आधारित शोध जरूरी – प्रो. ठाकुर

उदयपुर  09 जनवरी  / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय सभागार  में मंगलवार को नवीन शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के कुलपति प्रो. के.एस. ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में नवीन शिक्षा नीति 2020 राजस्थान सरकार द्वारा लागु कर दी गई, जिसके अनुसार व्यवस्था आदि को स्वरूप में लाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ समायोजन आवश्यक है जिससे नवीन शिक्षा नीति का प्रायोगिक उपयोग बेहतर ढंग से हो सके। इस अवसर पर उन्होंने गुणवत्ता व नवाचार आधारित  शोध पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा नीति 2020 में परम्परागत से आधुनिकता की ओर उन्नति की दृष्टि से आने वाले बदलावों को चुनौती के साथ स्वीकार करने होंगे। सरकार के पास नौकरिया सीमित है, आवश्यकता है कि युवा रोजगार लेने की बजाय देने की प्रवृत्ति रखें। इसलिए युवाओं को नीजी उद्योगोें की ओर कदम बढ़ा कर रोजगार पाने का नवीन शिक्षा नीति में कई अवसर है। छात्र अनुपात के साथ नकनीकी प्रबंधन का भी सामंजस्य आवश्यक है। नवीन शिक्षा नीति की क्रियांविति उच्च शिक्षण संस्थानोे की प्रमुख जिम्मेदारी है।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि जीवन में हमें एक अच्छा इंसान होना बहुत जरूरी है, नयी शिक्षा नीति में इसी पर जोर दिया गया जिससे आने वाली पीढ़ी को मानवता से ओमप्रोत बनाये, उसका सर्वांगीण विकास हो। नवीन शिक्ष़्ाा नीति पूर्ण रूप से मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत है जिसका वर्तमान संदर्भ में महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सन् 1986 की शिक्षा नीति में उपलब्ध समस्याओं का परिशोधन गुणवत्तापूर्ण वर्तमान शिक्षा नीति में किया गया है। वास्तविक संदर्भ में नवीन शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के समावेश पर बल दिया गया है। नवीन शिक्षा में भारतीय ज्ञान परम्परा पर बल दिया गया, जिसमें वेद, पुराण आदि समृद्ध ग्रंथ है जो विश्व की अमूल्य धरोहर है। कौशल आधारित शिक्षण व मूल्यांकन को प्राथमिक आवश्यक बताया। संचालन डॉ. निरू राठौड़ ने किया जबकि आभार सुभाष बोहरा ने जताया।

निजी सचिव केके कुमावत ने बताया कि संगोष्ठी में रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. बबीता रसीद, डॉ. अमीया गोस्वामी, डॉ. दिनेश श्रीमाली, डॉ. भारत सिंह देवड़ा, डॉ. कुल शेखर व्यास, जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. प्रदीप शक्तावत, डॉ. हेमंत साहू, डॉ. यज्ञ आमेटा, दुर्गाशंकर , मुकेशनाथ सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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