उदयपुर. 13 दिसंबर। सशक्त महिलाएँ महिलाओं को सशक्त बनाती विषय पर कार्तिक बाजोरिया ने श्रद्धा मुड़िया के साथ वर्चुअली चर्चा की। श्रद्धा मुड़िया ने कश्ती फाउंडेशन को लेकर चर्चा की। श्रद्धा मुड़िया ने बताया कि कश्ती फाउंडेशन का नाम उनकी खुद की सोच का नतीजा है। श्रद्धा मुड़िया का मानना है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि सबकी मदद करने के लिए मुझे व्यक्तिगत तौर पर उन तक पहुंचना होगा, अगर मैं खुद हर जरूरतमंद व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकूं तो उस तक कश्ती पहुंचेगी। यही सोचकर कश्ती फाउंडेशन का नाम रखा गया। कश्ती फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ अन्य सामाजिक ड्राइव्स के साथ जुड़ा रहा है। श्रद्धा मुड़िया ने वर्तमान की स्कूली जीवन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि आज के समय में नीति शास्त्र तथा मूल्यों की पढ़ाई स्कूलों के पाठ्यक्रम से गायब हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरे समय स्कूल में नीति शास्त्र की पुस्तकें हुआ करती थी तथा 45 मिनट का एक पूरा कालांश नैतिकता और मूल्यों को सीखने में व्यतीत होता था। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में नीति शास्त्र एवं मूल्यों की शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
स्कूलों में नीति शास्त्र एवं मूल्यों की शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरतर- श्रद्धा मुड़िया
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