उदयपुर 28 फरवरी / भारतीय लेखा परिषद उदयपुर शाखा एवं जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कंटेंपरेरी इश्यूज इन अकाउंटिंग एंड टैक्सेशन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का समापन मंगलवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में हुआ। आयोजन सचिव प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि दो दिवसीय सेमीनार में दो समानान्तर सत्रों में 16 पत्रों का वाचन किया गया, जिसमें शहर के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की भागीदारी रही। समापन का शुभारंभ मुख्य अतिथि सीए डॉ. श्याम एस. सिंघवी, मोहन लाल सुखाड़िया विवि के वाणिज्य संकाय के डीन प्रो. पी.के. सिंह, दयाल बाग एज्युकेशन इंस्टीट्यूट विवि आगरा के प्रो. एल.एन. कोहली, अध्यक्ष कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने मॉं सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। प्रो. पी.के. सिंह ने कहा कि तकनीक के युग में आने वाले समय में अकान्टेंसी विषय इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाया जायेगा। बी टेक एकाउन्टेंसी की एक ब्रांच हो जायेगी। एक अनुमान के अनुसार 2022 में आठ करोड़ लोगांे ने रिटर्न फाईल किया है व एक करोड़ बीस लाख लोगों ने टेक्स पे किया। लेकिन इसके विपरीत 2022 में विदेश जाने वालों की संख्यॉ एक करोड 37 लाख है, इसमें से चार हजार ऐसे लोग है जिन्होने अपना पर्सनल रिटर्न 50 लाख से ज्यादा फाईल किया। 2022 में 38 हजार ऐसी गाड़िया बिकी है जिनकी कीमत 30 लाख रूपये से ज्यादा है, ये सब एकाउन्टेंसी, टेक्सेशन के बिना संभव नहीं है, इन विषयों पर मंथन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वीडन की जीडीपी का 50 प्रतिशत टेक्स से आता है। अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी को एकाउन्टेंसी में किस प्रकार अपनायें, जो इस टेक्नाोलॉजी में पीछे है उनके लिए बहुत बडा चेलेंज है। जब तब हम समय के साथ हो रहे परिवर्तन के साथ अपने आप को चेंज नहीं करंेगे तो हम पीछे रहे जायेंगे। उन्होने कहा कि आने वाले समय आर्टिफिशियल इन्टलेजेंसी के माध्यम से ऑडिट होगी। हम टेक्स व ऑडिट की बात करते है, व्यक्ति को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ सेल्फ ऑडिट करनी चाहिए कि मुझे वास्तव में कितना टेक्स देना है। आज पूरे देश में अकेडमिक आम्डिट की जरूरत है, ऑडिट के बाद उसका क्रियान्वयन भी होना चाहिए।
मुख्य अतिथि डॉ. श्याम एस सिंघवी ने कहा कि एकाउन्ट्स एवं टेक्सेशन दोनों एक साथ चलते हैं, अपने एकान्ट्स को सिक्योर रखने पर जोर देते हुए कहा कि आज सभी कार्य ऑनलाईन हो रहे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एकान्टस की विश्वसनीयता केा कायम करने की जरूरत है। डॉ. हेमंत कदुनिया ने दो दिवसीय सेमीनार का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
संचालन डॉ. शिल्पा वर्डिया ने किया जबकि आभार डॉ. अभया जारोली ने दिया। सेमीनार में डॉ. पारस जैन, डॉ. हिना खान, डॉ. नीरू राठौड़, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. दिलीप चौधरी सहित पीएचडी स्कोलर उपस्थित थे।
डॉ. नुसरत बोहरा,
बेस्ट पेपर अवार्डी का किया सम्मान:-
सेमीनार में भारत परिषद की ग्वालियर कान्फ्रेंस में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार से विजेता डॉ.़ शूरवीर सिंह भाणावत, डॉ. शिल्पा वर्डिया, डॉ. हेमंत कदुनिया, , नेहा बंशीवाल तथा दो दिवसीय सेमीनार में उत्कृष्ट शोध पत्रों का वाचन करने वाले प्रो. के.के. दवे, शिवानी अग्रवाल, प्रभूति राठौड़, प्रो. जी. सोरल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।