– राजेश् वर्मा
उदयपुर 27 फरवरी । श्रीमद् दयानन्द सतयार्थ प्रकाश न्यास द्वारा गुलाब बाग स्थित नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र के नव प्रकल्पों के लोकार्पण समारोह के द्वितीय दिवस का आयोजन प्रातःकालीन यज्ञ के साथ हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चन्द्र आर्य थे। तथा यज्ञ के पुरोहित श्री इन्द्रप्रकाश यादव थे। इस अवसर पर वैदिक विद्वान् डॉ. रघुवीर वेदालंकार ने आशीर्वचन प्रस्तुत करते हुए यज्ञ की महत्ता प्रतिपादित की तथा उन्होंने बताया कि हवन से पर्यावरण की शुद्धि होती है यह विज्ञान में भी सिद्ध हुआ है। यज्ञ की परम्परा वैदिक परम्परा होने के साथ ही बहुत प्राचीन है। यथा त्रेता युग में महाराज दशरथ ने पुत्र प्राप्ति हेतु पुत्रयेष्टि यज्ञ किया। वहीं महाभारत के काल में युधिष्ठिर जी महाराज ने राजसूय यज्ञ किया।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि सिक्किम के पूर्व राज्यपाल महामहिम बाबू गंगा प्रसाद जी थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र सही अर्थाें में देश की सेवा कर रहा है। वैदिक संस्कृति के अग्र प्रसारण के लिए प्रतिदिन प्रातः एवं सायंकालीन यज्ञ का आयोजन किया जाता है। वहीं देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जो नींव के पत्थर थे उनका इतिहास में कहीं कोई जिक्र नहीं है। उनको स्मृति आमजन में कराने के लिए महानायक राष्ट्र निर्माण वीथिका का निर्माण किया गया है और उनके योगदान से आमजन को अवगत कराया जाता है। मानव को मानव कैसे बनाया जाये इसके लिए नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा तैयार किए गए विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से नवाचारों में संस्कार आधारित शिक्षाओं का प्रसारण यहां से किया जा रहा है। बाबू गंगा प्रसाद जी ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती दिनांक 12 फरवरी 2022 को विश्वभर में मनाई गई। इस क्रम में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा भव्य आयोजन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर दो वर्ष तक आर्य संस्थाओं द्वारा निरन्तर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया इसी क्रम में यह दो दिवसीय कार्यक्रम यहां आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चन्द्र आर्य ने बताया कि नवलखा महल की चित्रदीर्घा में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, श्री कृष्ण, ऋषि अंगीरा, महर्षि गौतम, महर्षि वाल्मीकि इत्यादि के जीवन दर्शन से अवगत कराया जाता है। जहां देश विदेश से आने वाले पर्यटक उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि उदयपुर नगर निगम के पूर्व महापौर श्री चन्द्रसिंह कोठारी थे। उन्होंने बताया कि श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास द्वारा नवलखा महल में किए जा रहे नवाचारों से प्रभावित होकर नगर निगम, उदयपुर द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल के पुनरुद्धार हेतु स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत विभिन्न कार्य करवाये गये तथा यह स्थल जो कि पूर्व में राजस्थान सरकार का आबकारी विभाग का गोदाम था, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भैरोसिंह जी शेखावत ने आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान की मांग को स्वीकार करते हुए इसे आर्य समाज को सौंपा और उसके पश्चात् यहां श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास ने सामाजिक, शैक्षिक एवं सामुदायिक विकास के नित नये कार्य किए। यहां के कार्याें से प्रभावित होकर वर्ष 2018 में राजस्थान सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री एवं वर्तमान में असम के राज्यपाल महामहिम श्री गुलाब चन्द जी कटारिया ने विधायक निधि से साढ़े दस लाख रु. की अनुदान राशि प्रदान कर नव प्रकल्पों की शुरूआत की और निरन्तर दानदाताओं के सहयोग से इसके प्रकल्पों केा गति मिली और यहां की गतिविधियों के कारण यह स्थल विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है।
कन्या गुरुकुल की आचार्या सूर्या देवी चतुर्वेदा ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महिला शिक्षा, विधवा विवाह, छूआछूत उन्मूलन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी प्रेरणा से आर्य समाज द्वारा देश विदेश मंे कन्या गुरुकुलों का संचालन किया जा रहा है जहां बालिकाओं को संस्कार आधारित शिक्षा एवं स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया जा रहा है।
सार्वदेशिक आर्य वीरांगना दल की अध्यक्ष साध्वी उत्तमा यति जी ने कहा कि आर्य समाज महिलाआंें को सम्बल बनाने के लिए महर्षि दयानन्द सरस्वती के सिद्धान्तों से प्रेरणा लेकर उन्हें शास्त्र के साथ शस्त्र एवं स्वावलम्बी बनाने की शिक्षा भी दे रहा है जिससे महिलाएं पुलिस, सेना इत्यादि के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देकर देश के गौरव को बढ़ा रही हैं।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि न्यूजर्सी से पधारे दानवीर रमेश गुप्ता थे। उन्होंने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि वैदिक सिद्धान्तों के प्रसारण के लिए भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नित नये आयोजन किए जाते हैं। विदेशों में प्रवास कर रहे आर्यजन वैदिक सिद्धान्तों के अग्र प्रसारण हेतु अपना अनुदान देते हैं।
आर्य विदुषी आचार्य पुष्पा जी शास्त्री ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कन्या दो कुलों की तारणहार है वह अपने माता-पिता के घर को तो सुशोभित करती ही है तथा अपने पति के परिवार को भी संस्कारित करती है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महिला सशक्तिकरण हेतु जो प्रयास किए उनकी प्रेरणा से आज महिला सशक्तिकरण हो रहा है।
मावली के विधायक श्री धर्मनारायण जोशी ने कहा कि आर्य समाज द्वारा विभिन्न प्रकार संस्कारों को यहां के पुरोहित सही ढंग से करवाते हैं। यहां के विद्वान् विभिन्न गुरुकुलों से निकले हुए हैं। इनकी विद्वता प्रशंसनीय है।
समारोह के संयोजक न्यास के संयुक्त मंत्री डॉ. अमृतलाल तापड़िया ने बताया कि दो दिवसीय इस समारोह में देश विदेश एवं स्थानीय स्तर से लगभग दस हजार से अधिक अतिथि यहां पधारे। उनके उत्तम आवास एवं भोजन की व्यवस्था नवलखा महल द्वारा की गई।
समारोह को सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री श्री प्रकाश आर्य, राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह, आर्य समाज गांधीधाम के प्रधान वाचोनिधि आर्य,गुरुकुल गौतमनगर के अधिष्ठाता स्वामी प्रणवानन्द जी, आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रधान श्री किशन लाल गहलोत, वैदिक विदुषी धारणा जी,महर्षि दयानन्द निर्वाण न्यास,अजमेर के महामंत्री श्री सोमरत्न जी आर्य,भारतीय जनता पार्टी के उदयपुर देहात जिलाध्यक्ष श्री भंवर सिंह पंवार, उदयपुर की जिला प्रमुख सुश्री ममता कुंवर,महर्षि दयानन्द स्मृति न्यास के कोषाध्यक्ष श्री जयसिंह गहलोत,दानवीर श्री अशोक वार्ष्णेय, पूर्व लोकायुक्त श्री सज्जन सिंह कोठारी, कन्या इन्टर कॉलेज टाण्डा के प्रमुख श्री आनन्द कुमार आर्य ने भी अपने विचार प्रकट किए।
पांच लाख रुपये सहयोग की घोषणाः- लोकार्पण समारोह के अवसर पर पधारे गुजरात के राज्यपाल आचार्य आचार्य देवव्रत जी नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र के प्रकल्पों को गति देने के लिए अपनी ओर से पांच लाख रु. अर्थ सहयोग की घोषणा की।
अशोक आर्य का सम्मानः- वैदिक सिद्धान्तों के अग्र प्रसारण के लिए सराहनीय कार्य करने के लिए श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के अध्यक्ष श्री अशोक आर्य का स्मृति चिह्न,प्रशस्ति पत्र पत्र,शॉल, उपरणा ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र के नव प्रकल्पों के निर्माण में अर्थ एवं अन्य सहयोग के लिए 55 सज्जनों का स्मृति चिह्न एवं उपरणा ओढ़ाकर सम्मान किया गया। श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के कोषाध्यक्ष श्री नारायण लाल मित्तल ने विभिन्न प्रकल्पों के अंतर्गत प्राप्त एवं खर्च राशि का ब्योैरा प्रस्तुत किया।
न्यासी मंडल की बैठक– श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के न्यासी मंडल की बैठक न्यास के संरक्षक बाबू दीनदयाल जी गुप्त की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें न्यास अध्यक्ष श्री अशोक आर्य न्यास मंत्री श्री भवानीदास आर्य, संरक्षक स्वामी सुमेधानन्द जी सरस्वती,कोषाध्यक्ष श्री नारायण लाल मित्तल, डॉ. एस.के. माहेश्वरी, श्रीमती ललिता मेहरा,संरक्षक श्री सुरेश चन्द्र आर्य, श्री महेश गोयल,श्रीमती शारदा गुप्ता श्री एस.एस.कोठारी, श्री आनन्द आर्य, श्री बलराम जी चौहान,श्री विजय शर्मा, श्री मोतीलाल आर्य उपस्थित थे। न्यास अध्यक्ष श्री अशोक आर्य ने न्यास द्वारा किए जा रहे कार्याें का ब्यौरा प्रस्तुत किया वहीं कोषाध्यक्ष श्री नारायण लाल मित्तल ने न्यास के आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।
16 संस्कार पुस्तिका का विमोचनः- डॉ. वीर बहादुर सिंह, पूर्व कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय,उदयपुर द्वारा 16 संस्कारों पर आधारित पुस्तक ‘मानव तू मानव बन’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया। डॉ. वीरबहादुर सिंह जी ने 2000 पुस्तकंे विभिन्न संस्थाओं को निःशुल्क उपलब्ध करवाई हैं।
मृत्योर्माः अमृतम् गमय पुस्तक का विमोचनः- आर्य विदुषी एवं सत्यार्थ दूत स्मृति शेष श्रीमती सरोज वर्मा द्वारा लिखी गई मृत्योर्माः अमृतम् गमय का विमोचन भी किया गया।
समारोह का संयोजन न्यास के संयुक्त मंत्री डॉ. अमृतलाल तापड़िया ने किया।
नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र सही अर्थाें में देश की सेवा कर रहा है। -बाबू गंगा प्रसाद जी
