चुनौतियों से निपटने और नवाचारों को अपनाने के संकल्प के साथ चिन्तन शिविर का समापन
उदयपुर, 12 जनवरी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिन्तन शिविर का रविवार को समापन हुआ। शिविर के दौरान महिलाओं और बच्चों के समेकित विकास के विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर साझा मंथन करते हुए विकसित भारत के संकल्प में आधी आबादी की पूरी भूमिका सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। केंद्र एवं विभिन्न राज्यों से आए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने चुनौतियों से निपटने के साथ ही नवाचारों को अपनाने का संकल्प दोहराया।
राष्ट्रीय चिन्तन शिविर में सक्षम आंगनवाड़ी पोषण अभियान- 2.0, मिशन शक्ति तथा मिशन वात्सल्य सहित महिला एवं बाल विकास से जुडे़ विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में किए गए नवाचारों को साझा करते हुए उनके सकारात्मक परिणामों की समीक्षा की गई। शिविर में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि चिन्तन शिविर काफी सकारात्मक रहा। कई चुनौतियों का सहज समाधान निकला और नवाचारों पर स्वस्थ चर्चा हुई। उन्होंने उम्मीद जताई कि शिविर के सकारात्मक परिणाम जल्द ही धरातल पर नजर आएंगे।
समापन सत्र में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने देश भर से आए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास की राह में चुनौतियों की कमी नहीं है, लेकिन यदि चुनौतियों के उस पार ही सफलता है। कई जगह साहसिक नवाचार किए हैं, उन्हें अपनाते हुए आगे बढ़ने का संकल्प दोहराना होगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री अनिल मलिक ने चिन्तन शिविर में उभर कर आए बिन्दूओं को रेखांकित किया। साथ ही हर चुनौती के समाधान के लिए मंत्रालय की ओर से प्रतिबद्धता जताई।
महिला एवं बाल विकास विभाग राजस्थान के शासन सचिव श्री महेंद्र सोनी ने चिन्तन शिविर के लिए राजस्थान का चयन करने पर आभार जताया। साथ ही महिला एवं बाल विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभाग एवं प्रदेश सरकार की ओर से कटिबद्धता व्यक्त की।