उदयपुर। सांसद मन्नालाल रावत ने राजस्थान के मेवाड वागड़ क्षेत्र सहित तीन राज्यों के मुख्यतः अनुसूचित क्षेत्र के युवाओं की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व वैश्विक आवश्यकता की पूर्ति के लिए दक्षिण राजस्थान में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने की मांग की है।
सांसद डॉ रावत ने बुधवार को संसद में नियम 377 के अधीन सूचना के तहत जानकारी दी कि दक्षिण राजस्थान का अधिकांश भाग राष्ट्रपति की अधिसूचना 18 मई, 2018 के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र के अधीन आता है। यह क्षेत्र गुजरात व मध्य प्रदेश राज्य के अनुसूचित क्षेत्र से सटा हुआ है। तीनों राज्यों के इन क्षेत्रों में लगभग डेढ करोड़ से अधिक जनजातीय जनसंख्या है। देश में अमरकंटक (मध्यप्रदेश), विजयनगरम (आंध्रप्रदेश) एवं मुलुगु (तेलंगाना) में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं। इनमें से दो केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों (विजयनगरम एवं मुलुगु की स्थापना नरेंद्र मोदी की सरकार में की गई है। उक्त तीनों जनजातीय विश्वविद्यालय दक्षिणी राजस्थान के जनजातीय क्षेत्र से 1000-1500 किमी दूरी पर स्थित है। सांसद डॉ रावत ने कहा कि राजस्थान के मेवाड वागड़ क्षेत्र सहित तीन राज्यों के मुख्यतः अनुसूचित क्षेत्र के युवाओ की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व वैश्विक आवश्यकता की पूर्ति के लिए दक्षिण राजस्थान में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने की आवश्यकता है।
सांसद रावत ने दक्षिण राजस्थान में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग उठाई
