ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता प्रबंधन के सुझाव दिए
उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने उदयपुर सहित मेवाड के विभिन्न क्षेत्रों में आए दिन पहाडियों पर लग रही आग का मामला बुधवार शुन्यकाल के दौरान संसद में उठाया और ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता प्रबंधन की आवश्यकता जताई।
सांसद डॉ रावत ने कहा मेवाड क्षेत्र में जो अरावली पर्वत है बहुत बडे क्षेत्र में फैला हुआ है। बहुत सारी नदियां निकलती है जो बंगाल की खाडी और अरब सागर तक जाती है। अभी यहां अभ्यारण्य क्षेत्र फुलवारी की नाल, सज्जनगढ, जयसमंद, केवडा की नाल और सीतामाता अभ्यारण्यों में कई जगह आग लगी हुई है जिससे पूरा जंगल भस्म हो रहा है, आसपास की बस्तियों में आग पहुंच रही है और उसको नियंत्रित करने की सही तरीके से कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एक राष्टीय अनुकूल योजना बना रही है। सांसद डॉ रावत ने सुझाव दिया कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए आसपास रहने वाले लोगों को घास काटने की अनुमति दी चाहिए। साथ ही एनिकट बनाकर पानी की व्यवस्था व बिजली व मोटर की व्यवस्था हो ताकि इस प्रकार की आगजनी घटना जब भी हो तो तुरंत नियंत्रित किया जा सके। नरेगा के तहत जगह-जगह रास्ते बनाए जाए ताकि आगजनी के वक्त वाहन पहुंचे सके।
पहाडियों पर आगजनी की घटनाओं का मामला सांसद रावत ने संसद में उठाया
