स्वच्छ भारत मिशन की प्रभावी क्रियान्वित के लिए जिला परिषद उदयपुर व ट्रस्ट ऑफ पीपुल संस्था के मध्य हुआ एमओयू

उदयपुर, 16 फरवरी। जिला परिषद उदयपुर व ट्रस्ट ऑफ पीपुल संस्था के मध्य गुरुवार को टीओपी के प्रतिनिधि सौरभ अग्निहोत्री एवं जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक मनीष के मध्य एमओयू.सम्पादित किया गया। टीओपी संस्था द्वारा चयनित ब्लॉक व ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन व ओडीएफ प्लस के मापदण्डों को क्रियान्वित करने हेतु स्वयं के संसाधन से पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के सहायतार्थ विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक मनीष ने बताया कि इसके तहत प्रशिक्षित व्यक्तियों की नियुक्ति कर ग्राम पंचायत एवं ब्लॉक में ठोस कचरा प्रबन्धन हेतु तार्किक समझ उत्पन्न करना, ग्राम पंचायात एवं ब्लॉक द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की योजना के क्रियान्वयन हेतु फिल्ड विजिट प्रशिक्षण तकनीकी मार्गदर्शन एवं जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा वहीं चयनित ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन कार्य के क्रियान्वयन में सहायता, ब्लॉक स्तर पर कार्ययोजना का निर्माण एवं सफल क्रियान्वयन हेतु निगरानी एवं एमआईएस सिस्टम को मजबूत करना व ठोस कचरा प्रबन्धन के फलस्वरूप मिलने वाले विभिन्न अपशिष्ट पदार्थ जैसे प्लास्टिक, कांच, गत्ता इत्यादि के अतिरिक्त निस्तारण हेतु उचित एवं लाभदायक व्यवस्था स्थापित करने में सहयोग करने संबंधी कार्य करवाए जाएंगे।
एसबीएम एवं ओडीएफ प्लस की समस्त गाइडलाइन्स के प्रभावी क्रियान्वन पर रहेगा जोर
सीईओ ने बताया कि जिला परिषद् एवं पंचायत समिति के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन एवं ओडीएफ प्लस की समस्त गाइडलाइन्स के तहत क्रियान्वयन करने के लिए कार्यवाही की जाएगी। इन समस्त गतिविधियों हेतु तथा प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन इकाई पीआईयू की यदि आवश्यकता प्रतीत होती है तो इसका गठन पृथक से जिला स्तर पर किया जा सकेगा। इस कार्य के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता टीओपी संस्था को जिला परिषद् द्वारा देय नहीं होगी। अपितु जिला परिषद द्वारा इस कार्य के निष्पादन में आवश्यक प्रतीत होने वाली प्रशासनिक सहायता संस्था को उपलब्ध करवाई जा सकेगी। जिला परिषद परियोजना गतिविधियों के संचालन और परिणाम प्राप्ति के लिए निर्वाचित सदस्यों, संबंधित ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और राजकीय अधिकारीयों तथा कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करेगी। टीओपी परियोजना अवधि के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों के परामर्श से परियोजना के लिए एक कार्य-योजना परियोजना दस्तावेज सहित तैयार करेगी। एमओयू में परियोजना निगरानी इकाई बनाने की आवश्यकता है जो समय-समय पर (त्रैमासिक रूप से) परियोजना मापदंडों के तहत प्रगति की समीक्षा करेगी।
परियोजना दस्तावेज की समीक्षा और अनुमोदन करेगी जिला परिषद
जिला परिषद टीओपी द्वारा तैयार और प्रस्तुत किए गए परियोजना दस्तावेज की समीक्षा और अनुमोदन करेगी जिसमें जीपीएस की सूची, अपेक्षित परिणाम, हितधारकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां शामिल होंगी और एसबीएम द्वितीय चरण के दिशानिर्देशों के तहत संपत्ति, संसाधन परिनियोजन के संबंध में वित्तीय मंजूरी प्रदान करेगी।
जिला परिषद को प्रस्तुत करनी होगी रिपोर्ट
टीओपी सोसाइटी परियोजना के पूरा होने या बंद होने पर परियोजना के संबंध में जिला परिषद द्वारा उन्हें दिए गए सभी दस्तावेज या सामग्री की वापसी सुनिश्चित करेगी। टीओपी जिला परिषद को परियोजना से संबंधित परिणामों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। परियोजना में संतोषजनक प्रदर्शन और जिला परिषद की सहमति पर परियोजना कार्य का दायरा, अवधि और लक्ष्य बढ़ाया जा सकेगा। परियोजना के प्रारम्भिक चरण में चयनित पंचायत समितियों के 10-10 ग्राम पंचायतों में कार्य किया जाएगा और बाद में इस परियोजना को पूरे जिले में दोहराया जाएगा।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!