संस्कृति की जड़ों की ओर लौट कर ही, विश्व गुरू बन सकता है भारत – प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर 07 दिसम्बर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं निर्मला कॉलेज उज्जैन के बीच गुरूवार को एमओयू हुआ। कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने बताया कि पहला एमओयू स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साईंसेस व दूसरा लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के बीच हुआ। संयुक्त एमओयू पर विद्यापीठ की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, प्रो. आईजे माथुर, प्रो. सरोज गर्ग, निर्मला कॉलेज की ओर से निदेशक फादर एन्टनी जोसेफ, प्राचार्य प्रो. कीर्ति दीदी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रो. सारंगदेवोत ने शिक्षक को शिक्षा का मजबूत स्तम्भ बताते हुए कहा कि संस्कृति की जड़ोें की ओर लौट कर ही भारत विश्व गुरू बन सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की वर्तमान चुनौतियों में शिक्षक को निरंतर समय के साथ अपडेट रहते हुए तकनीक साथ शिक्षा देेने की जरूरत है साथ ही विधार्थियोें के सर्वांगीण विकास में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। शिक्षक को शिक्षा के साथ छात्रो में मुल्यपरक शिक्षा देते हुए छात्रों को समाज से जोड़ने की जरूरत है। तकनीक के युग में कट पेस्ट का समय चला गया, आज हर विधार्थी गुगल पर अपडेट है – ऐसे में शिक्षक एवं विधार्थी दोनों को अपडेट रहने की जरूरत है। शिक्षकों को कौशल विकास के साथ विधार्थी को ऐसी शिक्षा देनी होगी जिससे महाविद्यालयी शिक्षा पूरी करने के पर आत्म निर्भर बन सके।
इन विषयों पर बनी सहमति:-
एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के बीच वर्ष में कम से कम एक राष्ट्रीय संगोष्ठी करने, एक सप्ताह से लेकर एक माह तक का फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, शौधार्थियों का आदान प्रदान, कौशल विकास के साझा प्रोग्राम पर सहमति बनी।
इस अवसर पर डीन प्रो. गजेन्द्र माथुर, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. सुनिता मुर्डिया संकाय सदस्य उपस्थित थे। यह जानकारी निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने दी।