चित्तौड़ के बद्रीनाथधाम में विराजीं माँ कामाख्या

उदयपुर (ब्यूरो): चित्तौड़गढ़ के मींढकिया महादेव क्षेत्र में निर्माणाधीन बद्रीनाथ धाम में कामाख्या माँ की प्रतिमा स्थापित की गई। मेवाड़ धर्म प्रमुख एवं चित्तौड़गढ़ धर्मांसद अधिकारी श्री श्री रोहित गोपाल सूत जी ने बताया कि कामख्या कामेश्वरी माँ की प्रतिमा स्थापना बुधवार को यज्ञ आहुतियों एवं मंत्रोच्चार के बीच बद्रीनाथ धाम में निर्मित स्थल पर की गई। इस स्थान का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ नगरी मध्यमिका धोरेड़िया गांव के समीप मनोरम अरावली पर्वतमाला की गोद में मेंढकिया महादेव वन के समीप स्थित इस प​वित्र स्थल की महिमा अद्भुत है, जो पाण्डव काल से ही भगवान श्रीकृष्ण की रात्रि विश्राम स्थली रहा है। जहां 350 नागाओं की पवित्र समाधियां हैं। अब इसी पावन भूमि पर निर्माणाधीन बद्रीनाथ धाम मंदिर में भक्तों को माँ कामख्या के अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन प्राप्त होंगे। स्वयंभू प्रकट प्रतिमा के दर्शन 26 जून से प्रारम्भ होंगे। क्योंकि मानसून के समय जब असमीया माह अहर चलता है, उस समय 22 जून से 3 दिनों के लिए कामाख्या देवी रजस्वला होती हैं। इस समय मंदिर को बंद कर दिया जाता है, जिसमें भक्तों का प्रवेश निषेध होता है। मंदिर को बंद करने से पहले देवी की योनि स्वरूप प्रतिमा के चारों तरफ सफेद कपड़ा बिछा दिया जाता है। 3 दिन बाद मंदिर को खोला जाता है।

By Udaipurviews

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