क्षमा एवं दया का भाव रखनें वाला अपनी आत्मा को निर्मल एवं स्वच्छ कर सकताः सुकनमुनि
उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज के सानिध्य में 400 से ज्यादा पारणे हुए। श्रावक- श्राविकाओ ने सामूहिक रूप से नवकार महामंत्र का जाप किया।
अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश नागौरी एवं महामंत्री एडवोकेट रोशनलाल जैन ने बताया कि इस दौरान श्रावक श्राविकाओं ने एक दूसरे को मिच्छामी दुक्कडम कह कर सामूहिक क्षमायाचना की। प्रातः काल सभी समाज जन पंचायती नोहरा में पहुंचे एवं संतो के सानिध्य में एक दूसरे से मिच्छामी दुक्कड़म बोलकर क्षमा याचना की। जैन ने बताया कि आज देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रावक श्राविका पहुंचे। उन्होंने भी संतों की सानिध्य में सभी से मिच्छामी दुक्कडम बोलकर क्षमा याचना की।
धर्म सभा में सुकन मुनि महाराज ने श्रावक श्राविकाओ को क्षमा याचना का महत्व बताते हुए कहा कि जीवन में क्षमा से बड़ा और कोई धर्म नहीं है। जिसके मन में क्षमा का भाव है, जिसके मन में दया का भाव है वही अपनी आत्मा को निर्मल और स्वच्छ कर सकता है। अगर जीवन को सुखी बनाना है तो क्षमा भाव को धारण करना ही होगा। पर्युषण महापर्व में सभी ने पूर्ण समर्पित भाव से प्रभु की आराधना की, धर्म ध्यान किया, सभी कषायो, मोह माया को दूर रखकर स्वयं को धर्म आराधना में लीन किया, निश्चित है इससे आपका जीवन निर्मल होगा और आत्मा शुद्ध होगी। उन्होंने सभी श्रावक श्रावाकाओं को संकल्प दिलाया कि आज के दिन से ही क्षमा भाव को अपने जीवन में उतारें क्योंकि बिना क्षमा भाव के शांति की स्थापना करना मुश्किल है।
धर्म सभा में सुकन मुनि महाराज ने सभी श्रावक श्राविकाओं को नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप कराया।