फार्मर रजिस्ट्री अभियान 5 से
जिला कलक्टर ने ली बैठक, अभियान को सफल बनाने के दिए निर्देश
ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन कार्यों की भी की समीक्षा
उदयपुर, 04 फरवरी। किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का सुगमता पूर्वक लाभ पहुंचाने की मंशा से मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में 5 फरवरी (बुधवार) से प्रदेश भर में एग्रीस्टैक योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री अभियान प्रारंभ होगा। इसके तहत हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर आयोजित कर किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करते हुए उन्हें 11 डिजिट की विशेष आईडी जारी की जाएगी। उदयपुर जिले में अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला कलक्टर नमित मेहता ने मंगलवार को वीसी के माध्यम से अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कलक्ट्रेट परिसर स्थित डिओआईटी वीसी कक्ष में आयोजित बैठक में अभियान से जुड़े विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही जिले के समस्त उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं तहसीलदार भी वीसी के माध्यम से जुड़े। जिला कलक्टर श्री मेहता ने जिले में विभिन्न पंचायत मुख्यालयों पर बुधवार से आयोजित हो रहे फार्मर रजिस्ट्री शिविरों के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि शिविरों में ज्यादा से ज्यादा किसानों की डिजिटल फार्मर आईडी बनाने हेतु स्थानीय किसानों को प्रेरित करें। ई-केवाईसी ऑपरेटर की मैपिंग शीघ्र पूरी करें, विभिन्न तहसीलों में शिविरों से सम्बंधित नियंत्रण कक्षों को सुचारू करें। उन्होंने बताया कि फार्मर डिजिटल आईडी से निकट भविष्य में किसानों को कई लाभ होंगे।
उन्होंने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में शिविरों के आयोजन के दौरान सामान्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिविरों के आयोजन के दौरान उपखंड स्तरीय अधिकारी भी शिविरों का नियमित अवलोकन करते रहें। उन्होंने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से ही भविष्य में किसानों को संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा, ऐसे में अधिक से अधिक किसानों की डिजिटल आईडी शिविरों के माध्यम से बनवाना सुनिश्चित करें। श्री मेहता ने कहा कि किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों के अलावा अन्य किसानों की भी फॉर्मर रजिस्ट्री आईडी बनवानी है। समन्वय तथा सामूहिक प्रयासों के साथ शिविरों का सफल क्रियान्वयन करें।
वीसी में श्री मेहता ने ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि 8 फरवरी तक पुनर्गठन संबंधित प्रस्ताव आवश्यक रूप से भिजवाने, जनप्रतिनिधियों एवं आमजन सहित सभी हितधारकों के सुझाव स्वीकार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर मेहता ने विभिन्न उपखंडों के खाद्य सुरक्षा आवेदन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले पूर्व के प्राप्त आवेदनों पर आवश्यक कार्रवाई करें तथा आमजन को ज्यादा से ज्यादा राहत प्रदान करें।
बैठक में एडीएम प्रशासन दीपेंद्र सिंह राठौड़, जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, प्रशिक्षु आईएएस माधव भारद्वाज, सोनिका कुमारी, शुभम अशोक, कार्यवाहक सीएमएचओ रागिनी अग्रवाल, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) सुधीर वर्मा सहित सहकारिता, पशुपालन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा वीसी के माध्यम से जिले के उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी आदि मौजूद रहे।
पहले चरण में यहां होंगे शिविर
अभियान के प्रथम चरण में जिले की सभी तहसीलों की चयनित दो-दो ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर 5 से 7 फरवरी तक (तीन दिवसीय) शिविर होंगे। इसमें बुधवार से बारापाल तहसील की सरूपाल व सरू, बड़गांव की वरड़ा व कैलाशपुरी, कानोड़ की अमरपुरा (जा.) व आकोला, खेरवाड़ा की करनाउवा व बंजारिया, नयागांव की नयागांव व कनबई एवं मावली की डबोक व भीमल पंचायत में शिविर होगा। इसी प्रकार कोटड़ा तहसील अंतर्गत कोटड़ा व खजूरिया, वल्लभनगर की दरोली व मजावड़ा, घासा की घासा व मांगथला, फलासिया की आमीवाड़ा व आमोड़, गोगुन्दा की विजयबावड़ी व गोगुन्दा, गिर्वा की तितरड़ी व धोल की पाटी, भीण्डर की बरोडिया व अमरपुरा (खा.) पंचायतों में शिविर आयोजित होंगे। इसी क्रम में झाड़ोल की मगवास व बदराणा, कुराबड़ की शिशवी व बसु, सायरा की पुनावली व करदा तथा ऋषभदेव तहसील की ग्राम पंचायत बरना व भरदा पंचायतों में शिविर आयोजित होंगे। शेष ग्राम पंचायतों में भी आगामी दिनों में शिविर प्रस्तावित हैं।
फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य, इसी से मिलेगा योजनाओं का लाभ
किसानों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ कृषक डिजिटली प्राप्त कर सकें तथा कृषि कार्य में होने वाले लाभ में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एग्रीस्टैक- डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना संचालित की जा रही है। एग्रीस्टैक परियोजना का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि आदान, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक पहुंच को आसान बनाना है। साथ ही सरकार के विभिन्न हितधारकों द्वारा किसान और कृषि केंद्रित विभिन्न लाभदायी योजनाओं को लागू करना और किसानो को आसानी से उपलब्ध कराना हैं। इसके तहत फार्मर रजिस्ट्री की जानी है। इसमें प्रदेश के कृषक विवरण को एग्रीस्टैक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। एग्रीस्टैक में किसानों को किसान पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा, यह किसानों की 11 डिजिट की एक अलग पहचान होगी। इससे कृषकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने मंे सुविधा रहेगी।
यह जानकारी चाहिए फार्मर रजिस्ट्री के लिए
ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर लगने वाले फार्मर रजिस्ट्री शिविरों में एप/वेब एप्लीकेशन के माध्यम से कृषक के सभी खसरों को सम्मिलित करते हुए कृषक के आधार से लिंक कराया जाएगा। तत्पश्चात कृषक से ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हुए ई-केवाईसी की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त खसरा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में खसरे में किसान का हिस्सा, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ई- केवाईसी विवरण की आवश्यकता रहेगी।
यह होगा लाभ
फार्मर रजिस्ट्री तथा 11 अंकों की डिजिटल पहचान संख्या से किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लगातार प्राप्त करने में आसानी होगी। इसके अलावा कृषकों को फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड एवं कृषि के विकास के लिए अन्य ऋण प्राप्त करने में सुगमता होगी। फसल बीमा का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी। इसके साथ साथ आपदा प्रबंधन के अंतर्गत सरकार को क्षतिपूर्ति के लिए कृषकों के चिन्हांकन में सहायता मिलेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में कृषकों का ऑटो पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा। कृषकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में कृषि एवं सम्बद्ध विभागों को फार्मर रजिस्ट्री के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर योजनाओं का लाभ वितरण करने में सुविधा रहेगी। लाभार्थी का बार-बार सत्यापन नहीं कराना पड़ेगा। कृषकों को आवश्यकतानुसार परामर्श लेने में भी आसानी रहेगी।