टेम्बा गाँव को राजस्व गाँव बनाने की माँग, विधायक और जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

डूंगरपुर, 10 जनवरी। माड़ा ग्राम पंचायत के टेम्बा गाँव को नवीन राजस्व गाँव बनाने की माँग को लेकर ग्रामीणों ने लंबे समय से सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है। टेम्बा गाँव, जो वर्तमान में गैर-राजस्व गाँव है, विकास योजनाओं और सरकारी सुविधाओं से वंचित है। ग्राम पंचायत माड़ा में कुल चार गाँव—माड़ा, टेम्बा, घोड़ाघाट और सामीतेड़—शामिल हैं। इनमें से माड़ा और घोड़ाघाट राजस्व गाँव हैं, जबकि टेम्बा गाँव को अभी तक राजस्व गाँव का दर्जा नहीं दिया गया है। इसके चलते टेम्बा गाँव को पंचायत विकास के बजट और सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दस वर्षों से टेम्बा को राजस्व गाँव बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन राजस्व विभाग ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे गाँव के विकास में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है। ग्रामीणों ने विधायक गणेश घोघरा और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी माँग रखी है। उन्होंने आग्रह किया है कि टेम्बा गाँव को शीघ्र राजस्व गाँव का दर्जा दिया जाए ताकि इसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और ग्राम पंचायत के विकास में समान भागीदारी हो। ज्ञापन में ग्रामीणों ने इस बात पर भी जोर दिया कि माड़ा ग्राम पंचायत का बजट अधिकांशतः माड़ा गाँव में ही खर्च हो जाता है, जिससे टेम्बा गाँव और उसके निवासियों की स्थिति लगातार उपेक्षित बनी हुई है।

By Udaipurviews

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