रजत वर्ष महोत्सव पर होंगे वर्ष भर विभिन्न आयोजन
-रजत वर्ष महोत्सव का पोस्टर का किया विमोचन
उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर में आज श्रावण के प्रथम सोमवार को आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर की विधि विधान परम्परागत रूप से अभिजित मुर्हूत में रजत पालकी में सवार हो आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर ने की मंदिर परिक्रमा।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि श्रावण महोत्सव श्रावण मास शिवजी के साथ माँ पार्वती को भी समर्पित है। शिव भक्त श्रावण महीने में सच्चे मन लग्न और पूरी श्रद्धा भाव के साथ महादेव का व्रत करता है, उसे शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए, भी सावन में शिव जी का व्रत रखती हैं। दाधीच ने बताया कि आज प्रातः आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शनार्थियों ने महादेव का जलाभिषेक किया व आक धतूरे बिल पत्र चढ़ाकर अपना मनोकामना कर महादेव का आशीर्वाद लिया। प्रातःकाल महाकालेश्वर को पंडितजन द्वारा रूद्री पाठ करा सहस्त्रधारा अभिषेक किया गया।
श्रावण महोत्सव समिति के विनोद कुमार शर्मा व एडवोकेट महिपाल शर्मा ने बताया कि श्रावण महोत्सव के प्रथम सोमवार पर राज्य की खुशहाली व शान्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित रूद्रीपाठ, पूजा अर्चना अभिषेक देवस्थान विभाग द्वारा महाकालेश्वर मंदिर में कराया गया। इस अवसर पर प्रातः 9.15 बजे देवस्थान कमिश्नर, सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग के कर्मचारी के साथ राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, गोपाल शर्मा, लक्ष्मीनारायण पण्ड्या, जगदीश राज श्रीमाली, पंकज शर्मा, अजय सिंह सहित कई गणमान्य ने पूजा अर्चना कर राज्य व देश के जनहितार्थ खुशहाली व शान्ति की आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर से प्रार्थना की।
श्रावण महोत्सव समिति के संयोजक रमाकान्त अजारिया, सुन्दरलाल माण्डावत ने बताया कि श्रावण महोत्सव के अन्तर्गत आगामी सोमवार को परम्परागत व विधि विधान पूजा अर्चना होगी। श्रावण महोत्सव के द्वितीय सोमवार की महादेव की सवारी के संबंध में आज मंदिर प्रांगण में प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया की अध्यक्षता में बैठक आहुत की। बैठक की उपस्थित में राजेश सोनी, गिरिराज सोनी, दिनेश मेहता, पुरूषोत्तम जीनगर, कमल चैहान, सुरेन्द्र मेहता, के.जी. पालीवाल, भंवरलाल पालीवाल, अनिल वानखेडे आदि उपस्थित रहे।
श्रावण महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट ने बताया कि श्रावण महोत्सव के प्रथम सोमवार को आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर प्रतिकात्मक रूप को रजत पालकी में सवार कर पारम्परिक पूजा अर्चना के पश्चात् आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर के सम्मुख दर्शनार्थ पश्चात् पालकी को सभामण्डप से होते हुए पूरे मंदिर परिक्रमा कराई गई। परिक्रमा के दौरान महिलाएं-पुरूष बडी संख्या में महादेव के भजनों का गाते हुए नृत्य करते महाकाल के जयकारें लगाते चले।
रजत वर्ष महोत्सव का पोस्टर विमोचन
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच व मीडिया प्रभारी गोपाल लोहार ने बताया कि उदयपुर में फतहसागर के किनारे स्थित ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री महाकालेश्वर क्षेत्र में स्थित पुरातन मंदिर के जीर्णोद्धार 25 वर्ष 8 अगस्त को पूर्ण हो रहे है यह पूरा वर्ष शिला स्थापना से शिखर पर कलश स्थापन के रूप में मनाया जाएगा। दाधीच ने बताया कि मंदिर की चरणगत यात्रा ,वं शेष मंदिर परिक्षेत्र को अनुपम शिवधाम के रूप में विकसित करने की बहुआयामी योजना का आमजन तक पहुंचाने की पुनीत भावना व उद्देश्य से न्यास द्वारा श्रीशिव संकल्प नाम से एक स्मृति ग्रंथ को प्रकाशित किया जाना तय किया है। इस दुर्लभ ग्रंथ में मेवाड की महान विभूतियों का जीवन परिचय, शैव परम्परा का महत्व तथा शिव-शक्ति के शास्त्रोेक्त सुसूत्र व विधान का समावेश किया जाएगा।
दाधीच ने बताया कि रजत वर्ष महोत्सव का आज देवस्थान विभाग के कमिश्नर व सहायक आयुक्त व प्रन्यास पदाधिकारियों के साथ पोस्टर का विमोचन किया गया।
प्रन्यास प्रशासक श्रीमती दीक्षा भार्गव ने बताया कि श्रावण महोत्सव के प्रथम सोमवार पर कानपुर उत्तरप्रदेश से अवध बिहारी मिश्र ने भी आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आज प्रथम सोमवार पर शिवभक्तों की संख्या ज्यादा होने पर रूद्रवाहिनी महिला सदस्यों ने दर्शनार्थ की व्यवस्था देखी। रूद्रवाहिणी में प्रेमलता लोहार, प्रतिक्षा मेहता, आरती जोशी, ममता भारद्वाज आदि ने अपने सेवा,ं दी।