मधुश्री ऑडिटोरियम सुरों की मंडली, लफ़्ज़ों की महफ़िल और रंगमंच कलाकारों के स्नेह मिलन समारोह का साक्षी बना -माधवानी

उदयपुर। अशोका पैलेस स्थित मधुश्री ऑडिटोरियम में संगीत, साहित्य और कला के तीनों समूहों के धुरंधरों का त्रिवेणी संगम उदयपुर के इतिहास के पन्नों में दर्ज़ हो गया. संस्थापक और संरक्षक मुकेश माधवानी ने बताया कि शहर में यह अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसका शुभारम्भ चन्द्रप्रकाश जैन के निर्देशन में तम्बोला खेल के मनोरंजन से हुआ. तदुपरान्त पुष्कर गौड़, चन्द्रप्रकाश गन्धर्व, निखिल महेश्वरी, महावीर प्रसाद जैन, राजेन्द्र चित्तौड़ा ने गीत गाए.   इसी क्रम में शहर के ख़्यात गायक भगतसिंह हाड़ा ने केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देस की बेहद मधुर प्रस्तुति दी.
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण 4 वर्षीया बालिका  डीयारा जुनैजा ने मंजे अन्दाज़ में कार्यक्रम के शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के अगले और अन्तिम चरण  में क़लमकारों ने अपनी स्वरचित ग़ज़ल, नज़्म और कविताएं पेश कहीं. इसमें ईश्वर जैन “कौस्तुभ”, सारा आलमशाह तथा श्याम मठपाल ने अपनी प्रस्तुतियां दीं. इस अवसर पर गोपाल गोठवाल, नूतन वेदी, अम्बालाल साहू, वीनू वैष्णव, कौशल बैरागी, महेन्द्र चावला, एच. क़ाज़ी, निर्मला वैष्णव, हरीश भाटिया आदि भी उपस्थित थे. कार्यक्रम संयोजक पं. पुरूषोत्तम शाकद्वीपीय “प्रेमी” ने सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया.
By Udaipurviews

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