उदयपुर 24 अक्टूबर । स्वस्थ महिला स्वस्थ परिवार – मुनि सिद्ध प्रज्ञ शरीर की बीमारी मन को और मन की बीमारी शरीर को प्रभावित करती हे । हर स्वस्थ परिवार का आधार है उस घर की महिलाएं । जैन धर्म तेरापंथ में आचार्य महाप्रज्ञ जी ने स्वास्थ्य, संतुलन एवं शान्ति के लिए प्रेक्षा ध्यान योग साधना पद्दति का प्रवर्तन किया । उक्त विचार आचार्य महाश्रमण जी के शिष्य मुनि सिद्धप्रज्ञ ने विज्ञान समिति अशोक नगर उदयपुर में स्वस्थ महिला स्वस्थ समाज विषय पर व्याख्यान देते हुए व्यक्त किये । उन्होंने अपने व्याख्यान के साथ ही उपस्थित 70 प्रबुद्ध महिलाओं को शारीरिक स्वास्थ्य क़े लिये योग, मुद्रा एवं आहार विज्ञान का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मानसिक संतुलन के लिए मंत्र योग एवं प्राणायाम के प्रयोग कराये। । भावनात्मक नियंत्रण के लिए रंगों का ध्यान एवं संकल शक्ति के उपाय बताएं।
विज्ञान समिति कुल प्रमुख डॉ कुन्दन जी कोठारी ने कहा- मुनि श्री ने जिस तरीके से आज हमे प्रशिक्षण दिया यह आत्म विकास में बहुत सहायक है। ये प्रयोग बहुत वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक है।
विज्ञान समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, मुद्रा, एक्युप्रेशर, मंत्र योग, अनुपेक्षा के साथ आहार विवेक, वाणी संयम तथा रंग चिकिष्सा आदि प्रयोग नियमित एवं विधिपूर्वक करना चाहिए । विज्ञान समिति इन सभी प्रमाणित विधाओं मे पारंगत कराने के लिये संकल्पित हो समय समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है।
प्रारंभ मे डाँ पुष्पा कोठारी ने मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ का परिचय देते हुए कहां कि मुनिश्री ने समण दीक्षा के दौरान २२ देशों की यात्रा की तथा तीन विचयों में M.A करके पिछले 4 जन्मों का अनुभव किया।
श्रीमती कंचन देवी सोनी ने आभार व्यक्त करते हुए मुनि श्री से पुनः आगमन हेतु निवेदन किया ।
श्री प्रकाश जी धाकड का सहयोग रहा। कार्यक्रम शासन श्री मुनि श्री सुरेश कुमार जी के आशीर्वाद से सफल हुआ।