उदयपुर 16 दिसंबर। विज्ञान समिति उदयपुर के प्रबुद्ध चिंतन प्रकोष्ठ मे आज महाराणा प्रताप स्मारक राष्ट्रीय तीर्थ (गौरव केन्द्र ) के निदेशक श्री अनुराग सक्सेना का “महाराणा प्रताप की दिवेर विजय” पर व्याख्यान आयोजित हुआ। प्रकोष्ठ के संयोजक मुनीश गोयल व अध्यक्ष प्रो महिप भटनागर ने स्वागत उद्बोधन व मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया । विज्ञान समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि प्रकोष्ठ की मासिक संगोष्ठी मे बोलते हुए अनुराग सक्सेना ने बताया कि शोध के परिणामस्वरूप ही हल्दीघाटी युद्ध की पूर्ववर्ती भ्रांतियों दूर कर आज महाराणा प्रताप की विजय प्रमाणित हुई है । प्रताप के महान व्यक्तित्व को केवल हरे धास की रोटी से हल्दी घाटी युद्ध तक सीमित रखने की पुरजोर कोशिशों के बावजूद आज विश्व पटल पर महाराणा प्रताप की अमिट छाप नजर आति है और जगह जगह उनकी मूर्तिया, चौराहे , सड़कें व मोहल्ले देखने को मिलते है ।
उनके पराक्रम को पहचानते हुए अकबर स्वयं ने सिर लाने की धोषणा कर तो दी परंतु युद्ध हेतु मानसिंह व बहलोल खान को ही भेजा । युद्ध पश्चात ड्योडी बंद इनकी हार का परिचायक है । जगदीश मंदिर व सीसारमा के शिलालेख महाराणा प्रताप की विजय को इंगित करते है ।
दिवेर विजय ने इतिहास की धारा बदल दी व अगले सात दिनों मे 36 थानों को छुडाने के बाद शेष सभी थानों पर पुनः मेवाड़ी सेना ने कब्जा कर लिया व युद्ध समाप्त हुआ।
व्याख्यान मे कुल प्रमुख डा के एल कोठारी, समिति व चिंतन प्रकोष्ठ कार्यकारिणी व सदस्य उपस्थित रहे।