मेघवाल की पुस्तक राजस्थान के प्रचलित हस्तशिल्प का लोकार्पण

उदयपुर, 19 सितंबर। गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल की हाल ही प्रकाशित राजस्थान के प्रचलित हस्तशिल्प पुस्तक का लोकार्पण किया।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने लेखक पन्नालाल मेघवाल के कला, संस्कृति एवं विरासत लेखन कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कला, संस्कृति एवं विरासत संरक्षण एवं संवर्धन के हिमायती हैं। उन्होंने कहा मुझे यह जानकर कर प्रसन्नता हुई कि लेखक मेघवाल ने कला संस्कृति एवं विरासत पर 15 पुस्तकें लिखीं हैं। उनके 750 से अधिक आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। लेखक मेघवाल ने बताया कि राजस्थान में हस्तशिल्प कार्य पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरागत रूप से किया जाता रहा है, लेकिन अब इन कलाओं के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ है। परिणाम स्वरूप हस्त कलाएं विलुप्त हो रही हैं। ऐसी विलुप्त हो रही हस्त कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पुस्तक का लेखन किया है।
मेघवाल ने बताया कि उन्होंने राजस्थान के प्रचलित हस्तशिल्प पुस्तक में लुप्त हो रही खराद, कावड़, फड़, पिछवाई, थेवा, मोलेला, मूर्तिकला, सालावास दरी, काष्ठ कला आदि 41 हस्तशिल्प कलाओं का समावेश किया है। यह पुस्तक कला प्रेमियों एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। मेघवाल ने लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को उनकी दस पुस्तकों का सेट भी भेंट किया। इस अवसर पर इवेंट मेकर्स के डायरेक्टर पीयूष मेघवाल, एडवोकेट तेजेंद्र मेघवाल, मिर्जा अबरार बेग एवं अमरीश पालीवाल उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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