उदयपुर समाचार तृतीय 4 मार्च 2023
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पश्चिम क्षेत्र सम्मेलन का आयोजन
उदयपुर 4 मार्च। शनिवार को न्यायपालिका के एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का उदयपुर गवाह बना। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की ओर से उदयपुर में पश्चिम क्षेत्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आम आदमी तक न्याय की पहुँच बढ़ाने को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायमूर्तियों और न्यायाधिपतियों ने मंथन किया।
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस श्री संजय किशन कौल एवं बतौर विशिष्ट अतिथि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जस्टिस श्री संजीव खन्ना ने शिरकत की। इसके अलावा माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, आरएचसीएलएससी जयपुर अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री पंकज भण्डारी, आरएचसीएलएससी जोधपुर अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री विजय विश्नोई सहित अन्य गणमान्य जस्टिसगण उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा सरस्वती माँ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस श्री संजय किशन कौल ने अपने वक्तव्य में लोक अदालतों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोरोनाकाल के दौरान न्यायपालिका में हुए नवाचारों को सराहा। उन्होंने कहा कि हर शक्तिशाली देश में एक सफल न्याय व्यवस्था विद्यमान है। समय पर न्याय मिलन महत्वपूर्ण है और हमें मिलकर ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे हर व्यक्ति तक न्याय सुलभ हो सके। उन्होंने देशभर में राज्य स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा एवं लीगल सर्विस एड पर अपने विचार रखे।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस श्री संजीव खन्ना ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से विधिक जागरूकता एवं न्याय तक अभिगम्यता, आसान पहुँच, आशंकाओं से निपटने, ट्रायल की पाँच स्टेज एवं उसमें विधिक सहायता की महत्ता, नालसा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और उनकी वर्तमान स्थिति आदि पर प्रकाश डाला। इसके अलावा विटनेस प्रोटेक्शन, बंदियों के पुनर्वास एवं मुख्यधारा में पुनर्स्थापन, लोक अदालतों में प्राप्त तथा निस्तारित प्रकरणों के वर्तमान आँकड़ें आदि पर पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपनी बात कही।
माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों तक न्याय की सुगम पहुँच हेतु विचार और सुझाव रखे। उन्होनें कहा कि आम आदमी को समय पर न्याय मिलना जरूरी है और यह हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने जेल बंदियों के प्रभावी पुनर्वास एवं जेलों में चलाए जा रहे दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों में आधुनिक तकनीकी कॉर्सेस को शामिल करने की बात कही जिससे बंदी अपनी सजा पूरी करने के बाद बाहर आकर एक सक्षम नागरिक बन सके। इसके अलावा उन्होंने विक्टिम कंपनसेशन स्कीम और अन्य योजनाओं पर अपने विचार रखे। अंत में आभार प्रकट माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री पंकज भंडारी ने व्यक्त किया। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से आए अन्य न्यायाधिपतियों ने भी आम आदमी तक न्याय की सुगम पहुँच को लेकर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के कार्यकारी अध्यक्षगण, कई राज्यों के एचसीएलएससी अध्यक्षगण, नालसा सलाहकार समिति के सदस्यगण सहित अन्य गणमान्य जस्टिस उपस्थित रहे।