उदयपुर में जल मंथन, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने सुझाए “अमृत” के सूत्र

बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने जल संरक्षण की पहलों पर प्रकाश डाला
-ओडिशा के मुख्यमंत्री और आन्ध्र प्रदेश के जल संसाधन मंत्री के साथ की चर्चा
उदयपुर, 19 फरवरी। राज्य जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन में बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में बिहार सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला। श्री कुमार ने कहा कि  जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत बिहार सरकार ने राज्य में जल स्रोतों के पुनर्जीवन, नए जल स्रोतों के निर्माण, वर्षा जल संचयन और सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है।
जल संरक्षण और प्रबंधन में बिहार की उपलब्धियां-
उन्होंने कहा कि बिहार में 47 हजार जल स्रोतों को चिन्हित कर 24 हजार पुराने जल स्रोतों को ठीक किया गया। 64 हजार से ज्यादा नये जल स्रोतों का निर्माण कराया गया। 12 हजार से ज्यादा चेक डेम्प बनाये गये।
37 हजार कुओं, 2 लाख 3 हजार से ज्यादा चापाकलों के पास सोखता का निर्माण किया गया। 14 हजार से ज्यादा सरकारी भवन के छत वर्षा जल का संचय का कार्य किया गया। 45 हजार एकड़ में ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर जल की बचत की जा रही है। वहीं,  1 हजार 65 पौधाशाला का निर्माण तथा 17 करोड़ 80 लाख पौधे लगाये गये है।
जागरुकता अभियान-
बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम भी निरंतर चलाया जा रहा है। प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है। बिहार सरकार जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और भविष्य में भी इन गतिविधियों पर कार्य किये जाने का लक्ष्य है।
जल शक्ति से नारी शक्ति-
जल संरक्षण के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना गया है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।जल शक्ति से नारी शक्ति को साकार करने के लिए बिहार राज्य के राजीविका दीदीयों के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। यह पूरे देश के लिए जल सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने में महिलाओं का बड़ा योगदान है।

By Udaipurviews

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