उदयपुर 29 मई। उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन एवं शहर जिला अध्यक्ष श्री रवींद्र श्रीमाली ने आज जिला कलेक्ट्री में जिला प्रभारी सचिव श्रीमती आनंदी से भेंट कर शहर में आमजन को आ रही विभिन्न समस्याओं के त्वरित निदान हेतु विचार विमर्श कर शहर के विकास में अपनी बात रखी।
प्रभारी सचिव जो वर्तमान में राजस्थान शासन में खान एवं पेट्रोलियम सचिव के पद पर नियुक्त है, पूर्व में उदयपुर की जिला कलेक्टर रह चुकी है और जिला प्रभारी के नाते उदयपुर प्रवास पर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन भाजपा शहर जिला अध्यक्ष श्री रवींद्र श्रीमाली ने मुलाकात कर शहर की विभिन्न समस्याओं जिसमें स्मार्ट सिटी पेयजल एवं विद्युत समस्या के बारे में प्रमुख रूप से चर्चा की गई। जिला प्रभारी को बताया गया कि यहां पर जो विद्युत का जीएसएस बना हुआ है वह इतने बड़े क्षेत्रफल को आपूर्ति देने में अक्षम है इसके लिए बड़ा जीएसएस लगाया जाए जो की 400 केबी का जो गुडली में प्रस्तावित है,जिसके लिए सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है,जमीन भी आवंटित हो गई हैं और विभाग से वर्क ऑर्डर के लिए भी स्वीकृतियां दी जा चुकी है बस जल्द से जल्द इसका निर्माण किया जाय जिससे विद्युत आपूर्ति निरंतर नागरिकों को दी जा सके। वर्तमान में विद्युत की सप्लाई को लेकर इस भीषण गर्मी में जो समस्याएं आ रही है उससे आम नागरिक का जीवन दुभर हो गया है।
इसी के साथ पेयजल की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि उदयपुर में पूर्व में पांच पांच पानी की बड़ी टंकियां के निर्माण का प्रस्ताव सरकार में विचाराधीन है परंतु उनका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है जल्द ही इसके निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर कर सभी नागरिकों को पेयजल समयबद्ध मिल सके ऐसी व्यवस्था सरकार की ओर से अविलंब की जाए।
इस प्रकार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर भी जिस प्रकार की बाधाएं अधिकारियों और कर्मचारियों को आ रही है और इस प्रोजेक्ट में जो देरी हो रही है उसको लेकर पूरी मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी प्रकार से कोई तकनीकी खामी आ रही हो तो उसको पूर्ण कर इस स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को अविलंब संपन्न किया जाए।
उन्होंने कहा कि शहर की विभिन्न समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु एक जनप्रतिनिधि के रूप में वह सदैव तत्पर रहेंगे और अधिकारियों और शासन को जो भी उनका सहयोग अपेक्षित होगा वह प्रदान करेंगे।यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी उदयपुर संभाग मीडिया प्रभारी चंचलकुमार अग्रवाल ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी।